Asian Productivity Organisation :
भारत ने संगठन की शासी निकाय बैठक के चल रहे 67वीं सत्र के दौरान 2025-26 कार्यकाल के लिए एशियाई उत्पादकता संगठन Asian Productivity Organisation (APO) की अध्यक्षता औपचारिक रूप से ग्रहण कर ली है।
एशियाई उत्पादकता संगठन (APO) के बारे में :
- 1961 में टोक्यो-आधारित एक अंतर-सरकारी उत्पादकता संवर्धन संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
- एपीओ नीति सलाहकार सेवाओं के माध्यम से क्षेत्र के सतत सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देता है,एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है, तथा उद्योग, कृषि, सेवा और सार्वजानिक क्षेत्रों में स्मार्ट पहल करता है।
- सहयोग, नवाचार और क्षमता-निर्माण पहलों के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा देता है।
- एपीओ सदस्य अर्थव्यवस्थाओं को उत्पादकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने में सहायता देकर तथा सदस्यों में अनुसंधान और उत्कृष्टता केंद्रों सहित संस्थागत क्षमता निर्माण प्रयासों के माध्यम से क्षेत्र के भविष्य को आकार दे रहा है।
- ये देश/अर्थव्यवस्थाएं ज्ञान, सूचना और अनुभव को साझा करके आपसी सहयोग की भावना से अपने उत्पादकता अभियान में एक-दूसरे का समर्थन करते है तथा नामित राष्ट्रीय उत्पादकता संगठनों (एनपीओ) के माध्यम से एपीओ के साथ समन्वय करते है।
मूलभूत उद्देश्य:
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि को बढ़ावा देना, जो सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है।
- राष्ट्रीय उत्पादकता रणनीतियों पर सरकार को मार्गदर्शन प्रदान करता है।
- उद्योग, कृषि, सेवा और सार्वजनिक क्षेत्रों में समावेशी, नवाचार-आधारित विकास का समर्थन करना।
- प्रशिक्षण, कार्यशालाएं और अनुसंधान कार्यक्रम आयोजित करता है।
- हरित उत्पादकता:- पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देता है।
- डिजिटल उत्पादकता और उद्यमशीलता पर क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाता है।
वर्तमान सदस्यता:
एपीओ की सदस्यता एशिया और प्रशांत क्षेत्र के उन देशों के लिए खुली है जो एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग (यूएन ईएससीएपी) के सदस्य है।
वर्तमान में कुल 21 देश इसके सदस्य है, जिनमें आठ संस्थापक देश भारत, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया, नेपाल, पाकिस्तान, फिलीपींस और थाईलैंड है, तथा अन्य चीन, ईरान, बांग्लादेश, वियतनाम, इंडोनेशिया, कंबोडिया, फिजी, लाओस, मलेशिया, मंगोलिया, सिंगापुर, श्रीलंका,और तुर्किये शामिल है, जो सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
संगठनात्मक संरचना:
एपीओ में शासी निकाय,एनपीओ और सचिवालय शामिल है, जिसका प्रमुख महासचिव होता है।
एपीओ का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला प्राधिकारी निकाय है तथा संगठन की रणनीतिक दिशा निर्धारित करने, प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी देने तथा सचिवालय के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए प्रतिवर्ष बैठक होती है।
नवीनतम बैठक:
67वीं गवर्निंग बॉडी मीटिंग की मेजबानी इंडोनेशिया ने की, जो भारत के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान आयोजित हुई।
एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उत्पादकता वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत एपीओ का सक्रिय सदस्य है और इसने संगठन के उदेश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।