Indian Airstrike: पाकिस्तान ने माना – 11 सैनिकों की मौत, 40 से अधिक सिविलियन हताहत

Operation Sindoor का कहर: पाकिस्तान ने मानी 11 सैनिकों की मौत, भारत की एयरस्ट्राइक से हड़कंप
नई दिल्ली: भारत की एयरस्ट्राइक के असर से पाकिस्तान अब सच्चाई छुपा नहीं पा रहा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई में 11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत, 78 घायल और 40 से ज्यादा नागरिकों के हताहत होने की पुष्टि अब पाकिस्तान के आंतरिक सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आने लगी है।
क्या हुआ एयरस्ट्राइक में?
10 मई को भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) और पंजाब बॉर्डर के करीब तीन आतंकी लॉन्च पैड्स, एक सैन्य अड्डा, और एक ड्रोन कंट्रोल यूनिट को निशाना बनाया। यह स्ट्राइक पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा पर बार-बार किए गए ड्रोन हमलों और सीजफायर उल्लंघनों के जवाब में की गई थी।
PAK मीडिया भी अब कबूल रहा नुकसान
पाकिस्तान के समाचार चैनल ARY News, Dawn और Geo TV जैसे प्रमुख चैनलों पर अब धीरे-धीरे भारत की एयरस्ट्राइक से हुए नुकसानों को कबूल किया जा रहा है। शुरुआती खंडन और छुपाने की कोशिशों के बाद अब सेना के सूत्रों ने माना है कि:
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11 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई
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78 सैन्यकर्मी घायल हैं, जिनमें से 12 की हालत गंभीर है
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40 से अधिक आम नागरिक भी हताहत हुए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल हैं
भारत का स्पष्ट संदेश: सीमा पार आतंक नहीं सहेंगे
भारतीय रक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन एक सीमित लेकिन सटीक कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य आतंकी नेटवर्क को नष्ट करना और पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत अपनी सीमा और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
भारतीय सेना की प्रतिक्रिया
भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया:
“हमारे ऑपरेशन का हर लक्ष्य पूर्व-निर्धारित और आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था। किसी भी आम नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया।“
पाकिस्तान में बढ़ता आंतरिक दबाव
भारत की स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में आंतरिक दबाव भी बढ़ रहा है। विपक्षी नेताओं और आम जनता का गुस्सा फूट पड़ा है कि क्यों देश को एक और सैन्य नुकसान की ओर ढकेला गया। सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं – “क्यों बार-बार भारत से टकराव मोल ले रहा है पाकिस्तान?”
भारत की एयरस्ट्राइक ने न सिर्फ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है, बल्कि पाकिस्तान को अपनी असलियत स्वीकार करने पर भी मजबूर कर दिया है। इस बार पाकिस्तान के झूठ और प्रोपेगेंडा की परतें खुद उनके देश की मीडिया और जनता ने खोल दी हैं।
अब देखने वाली बात ये है कि क्या पाकिस्तान वाकई शांति की ओर कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर फिर से किसी दुस्साहस की तैयारी करेगा?