नई दिल्ली: भारत के साथ जारी संघर्ष के बीच पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था एक बार फिर ध्वस्त होने के कगार पर खड़ी है। इस संकट से उबारने के लिए आज अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की महत्वपूर्ण बैठक हो रही है, जिसमें पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर के आर्थिक पैकेज की मंजूरी मिल सकती है। लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध जताया है और IMF के मंच से पाकिस्तान के आतंकवादी चेहरे को बेनकाब करने की रणनीति बनाई है।
भारत IMF में रखेगा विरोध का पक्ष
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के मुताबिक, भारत इस बैठक में स्पष्ट रूप से बताएगा कि पाकिस्तान को आर्थिक सहायता देना सीमा पार आतंकवाद को आर्थिक समर्थन देने जैसा होगा। IMF बोर्ड में भारत के कार्यकारी निदेशक परमेश्वरन अय्यर पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े रिकॉर्ड और नीतियों को सामने रखेंगे।
“जो देश पाकिस्तान को पैसे देने की सोच रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि यह पैसा कहीं न कहीं आतंकवाद को भी बल दे सकता है।” – विक्रम मिसरी
क्यों पाकिस्तान की हालत खराब है?
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पाकिस्तान पर इस समय 130 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है।
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उसे हर महीने ब्याज की बड़ी अदायगी करनी पड़ रही है।
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देश में महंगाई, बेरोजगारी और विदेशी निवेश की कमी ने संकट और गहरा कर दिया है।
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वर्ष 2023 में मिले IMF पैकेज के बाद भी सुधार बेहद सीमित रहा।
भारत-पाक तनाव ने बिगाड़ा आर्थिक संतुलन
भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। भारत ने 7 और 8 मई को पाकिस्तान के भीतर आतंकियों के 9 ठिकानों और कई सैन्य प्रतिष्ठानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत के दर्जन भर सैन्य स्टेशनों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की।
इस तनाव के चलते अर्थशास्त्रियों का कहना है कि अगर युद्ध जैसी स्थिति लंबी चली तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह हो सकती है।
IMF क्या करेगा?
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IMF की आज की बैठक में पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का राहत पैकेज देने पर फैसला होगा।
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अमेरिका और चीन, जो IMF के सबसे बड़े हिस्सेदार हैं, उनके विरोध की संभावना नहीं है, इसलिए पैकेज मंजूर होने के आसार हैं।
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भारत इस मंच पर अपना विरोध दर्ज कराएगा और अन्य सदस्य देशों को पाकिस्तान के ग्राउंड रियलिटी से अवगत कराएगा।
पिछली बार क्यों फेल हुए IMF पैकेज?
IMF ने पिछले 30 वर्षों में कई बार पाकिस्तान को bailout दिया, लेकिन उनमें से अधिकतर सुधार लाने में नाकाम रहे। वजह है:
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संरचनात्मक सुधारों की कमी
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आतंकवाद पर ढुलमुल रवैया
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सैन्य बजट को प्राथमिकता
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भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता
भारत का मानना है कि IMF को अब आंख मूंदकर पाकिस्तान को पैसा देना बंद करना चाहिए। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता, तब तक उसे किसी भी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मदद मिलना वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।