उत्तर भारत में लू से राहत, IMD का पूर्वानुमान: इस बार सामान्य से अधिक होगी मानसून बारिश

मानसून 2025

नई दिल्ली। उत्तर भारत के कई राज्य इन दिनों भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से बेहाल हैं। अप्रैल की शुरुआत में ही तापमान रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाई पर पहुंच गया है। लेकिन इसी बीच राहत भरी खबर सामने आई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आगामी मानसून को लेकर सकारात्मक पूर्वानुमान जारी किया है।

मानसून 2025: इस बार सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान

मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि भारत में इस वर्ष जून से सितंबर के बीच मानसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। अनुमान है कि पूरे देश में औसतन 105% बारिश होगी, जो कि दीर्घ अवधि औसत (LPA) 87 सेंटीमीटर के मुकाबले अधिक है।

अल नीनो का खतरा नहीं

मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस वर्ष मानसून पर असर डालने वाला ‘अल नीनो’ प्रभाव न के बराबर रहने की संभावना है, जिससे अच्छी बारिश की उम्मीद और प्रबल हो जाती है। आमतौर पर अल नीनो की स्थिति कमजोर मानसून का संकेत देती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा।

किसानों के लिए बड़ी राहत

भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की लगभग 42.3% आबादी कृषि पर निर्भर है। IMD की यह भविष्यवाणी खासतौर पर किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। देश का लगभग 52% कृषि क्षेत्र मानसून पर निर्भर है। अच्छी बारिश न केवल फसल उत्पादन बढ़ाएगी, बल्कि जलाशयों को भरने में भी मदद करेगी जिससे पीने के पानी और बिजली उत्पादन में सहूलियत होगी।

भीषण गर्मी और लू से हाल बेहाल

देश के कई हिस्से इन दिनों भीषण गर्मी और लगातार चल रही लू की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने अप्रैल से जून तक कई राज्यों में अत्यधिक लू चलने की चेतावनी जारी की है। इसके कारण बिजली की मांग में भारी इजाफा होने की भी संभावना है। वहीं, मानसून को लेकर आई यह पॉजिटिव खबर आमजन के लिए मानसिक रूप से राहत देने वाली है।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बरकरार

जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में बारिश की प्रकृति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब बारिश की कुल दिनों की संख्या कम हो रही है, लेकिन कम समय में अत्यधिक बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसी वजह से देश में कभी बाढ़ तो कभी सूखे की स्थिति उत्पन्न होती है।

IMD की ताजा भविष्यवाणी ने जहां एक ओर भीषण गर्मी से परेशान जनता को राहत दी है, वहीं देश की अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा के लिए भी यह एक सकारात्मक संकेत है। उम्मीद है कि इस बार का मानसून न केवल सामान्य बल्कि अधिक लाभकारी साबित होगा।

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