शाहजहांपुर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेसवे पर भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा फ्लाईपास्ट और फाइटर जेट्स की लैंडिंग-टेकऑफ का अभ्यास किया गया। यह सैन्य अभ्यास युद्ध या राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में एक्सप्रेसवे को वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल करने की क्षमता का परीक्षण करने के लिए किया जा रहा है।
इस आयोजन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी और इसे अपनी पार्टी की सोच का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “रात और दिन में लैंडिंग कोई नई तकनीक नहीं है। अगर रात में लाइट लगा दी जाएं, तो प्लेन आराम से उतर सकते हैं। यह समाजवादी पार्टी का विजन था। हमने ही आगरा एक्सप्रेसवे पर पहली बार फाइटर प्लेन उतारने की शुरुआत की थी।”
गोमती रिवर फ्रंट पर महाराजा सुहेलदेव की भव्य प्रतिमा का ऐलान
सपा प्रमुख ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट पर महाराजा सुहेलदेव की विशाल प्रतिमा लगाई जाएगी। अखिलेश ने कहा, “हम उनकी तलवार सोने की बनाएंगे। जरूरत पड़ी तो वह अष्टधातु की भी हो सकती है। हमें विश्वास है कि 2027 में महाराजा सुहेलदेव समाज का पूरा समर्थन हमें मिलेगा।”
रामजी लाल सुमन को रोकने पर तीखी प्रतिक्रिया
रामजी लाल सुमन को नजरबंद करने के मामले पर अखिलेश यादव ने कहा, “अगर उन्हें रोका जा सकता है तो सरकार हमें भी हाउस अरेस्ट कर ले। अब इससे कुछ नहीं होने वाला। बीजेपी की सरकार जा रही है।” इसके साथ ही उन्होंने राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमा क्षेत्रों में मदरसों पर कार्रवाई करना अन्याय है। उन्होंने आरोप लगाया कि “सबसे ज्यादा अवैध निर्माण बीजेपी सरकार ने ही कराए हैं। अब इनकी सांप्रदायिक राजनीति खत्म हो चुकी है, इसलिए ये बौखलाए हुए हैं।”
जाति जनगणना पर भी रखी अपनी बात
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने फिर से जोर दिया कि यह सामाजिक न्याय के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय और देश की लगभग 90% आबादी जाति जनगणना के पक्ष में है। यह पहला कदम है जिससे हमें अपना अधिकार मिलेगा। यह बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का सपना है, जिसे पूरा करना जरूरी है।”
गंगा एक्सप्रेसवे पर हुए सैन्य अभ्यास से लेकर जातिगत जनगणना तक, अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य सरकार पर कई मोर्चों पर तीखे सवाल खड़े किए। 2027 के चुनावों को लेकर उनकी रणनीति में अब इतिहास, संस्कृति और सामाजिक न्याय के मुद्दे साफ तौर पर दिख रहे हैं।