हिमाचल में 30 जून की रात का कहर: मंडी में 15 जगह तबाही, 7 की मौत, 16 लापता

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हिमाचल में बादल फटने का कहर: मंडी में 15 जगह तबाही

हिमाचल में बादल फटने का कहर: मंडी में 15 जगह तबाही

शिमला/मंडी: हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार रात (30 जून 2025) को राज्य में कुल 17 जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें से 15 घटनाएं मंडी जिले में, जबकि कुल्लू और किन्नौर में एक-एक बादल फटने की पुष्टि हुई है।

इस भारी तबाही में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है, 16 लोग लापता हैं और 6 लोग घायल हुए हैं। एनडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। मंडी, कुल्लू, किन्नौर में बाढ़, भूस्खलन और जलभराव के हालात बने हुए हैं।

मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित:

  • अकेले मंडी में 24 मकान और 12 गोशालाएं पूरी तरह बह गई हैं।

  • 30 पशुओं की मौत की भी पुष्टि हुई है।

  • पटीकरी के पास एक पनबिजली प्रोजेक्ट बह गया है और एक पुल भी ध्वस्त हो गया है।

  • 332 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

प्रमुख प्रभावित क्षेत्र (बादल फटने की जगहें):

  • थुनाग: कुथाह, लेसी मोड़, रेल चौक, पटीखरी

  • करसोग: कुट्टी बाइपास, ओल्ड बाजार, रिक्की

  • गोहर: सियांज, बस्सी, तलवाड़ा, केलोधार, बड़ा गोहर

  • धर्मपुर: भदराना और स्याठी

ब्यास नदी का रौद्र रूप:

  • ब्यास नदी उफान पर है और पानी मंडी शहर में घुस गया है।

  • पंडोह बाजार को रात में खाली करवाना पड़ा।

  • लगातार बारिश और जलस्तर बढ़ने से अफरातफरी का माहौल है।

कुल्लू और किन्नौर में भी स्थिति गंभीर:

  • कुल्लू के आनी बैहना में कारशा नाले में बादल फटने से नेशनल हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है।

  • किन्नौर के सांगला तहसील के खरोगला गांव के पास जंगल में बादल फटने की घटना हुई है।

राज्य में अब तक का मानसून आंकड़ा:

  • 20 जून को मानसून की एंट्री के बाद से अब तक 20 से ज्यादा बादल फटने की घटनाएं हो चुकी हैं।

  • सिर्फ 30 जून की रात को ही 16 जगह बादल फटे।

  • अब तक 51 मौतें, 22 से अधिक लोग लापता और 40 मकान पूरी तरह तबाह हो चुके हैं।

आज के लिए रेड अलर्ट:

  • हिमाचल में आज भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

  • लैंडस्लाइड और बाढ़ की चेतावनी दी गई है।

  • प्रशासन ने नागरिकों को सावधानी बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।

उत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी बाढ़ का कहर:

उत्तर प्रदेश (वाराणसी):

  • गंगा का जलस्तर 50mm प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।

  • 50 घंटे में जलस्तर में 2.96 मीटर की वृद्धि।

  • 20 से ज्यादा मंदिर जलमग्न, पानी मणिकर्णिका घाट तक पहुंचा।

लखीमपुर:

  • शारदा नदी उफान पर, तटीय गांवों में खतरे की घंटी।

राजस्थान (कोटा, चित्तौड़गढ़):

  • कोटा के मोड़क कस्बे में 4 फीट तक पानी भर गया है।

  • चित्तौड़गढ़ में गूंजली नदी पुल के ऊपर से बह रही है, आधा दर्जन गांवों का संपर्क टूटा।

हिमाचल प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य इलाकों में मानसून अब कहर बनकर टूटा है। मंडी और किन्नौर में बादल फटने की घटनाओं ने हालात और भी गंभीर कर दिए हैं। राज्य सरकार, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार आने वाले दिन और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

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