Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जी की आरती और मंत्र

0
आरती कीजै हनुमान लला की

हनुमान जी की आरती

हनुमान जी की आरती

 

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुधि लाए।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

पैठी पाताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखारे।

बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संत जन तारे।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

 

हनुमान जी के मंत्र

  1. ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
  2. ॐ नमो भगवते हनुमते नमः
  3. ॐ महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते. हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये। नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।
  4. ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *