गोवा के मंदिर में भगदड़: 6 श्रद्धालुओं की मौत, 75 घायल

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गोवा के शिरगांव मंदिर में भगदड़ के बाद मौके पर मौजूद एम्बुलेंस और घायलों की मदद करते स्वास्थ्यकर्मी

गोवा के शिरगांव मंदिर में भगदड़ के बाद मौके पर मौजूद एम्बुलेंस और घायलों की मदद करते स्वास्थ्यकर्मी

पणजी: गोवा के उत्तरी हिस्से में स्थित प्रसिद्ध श्री लईराई देवी मंदिर में शनिवार तड़के हुए एक धार्मिक आयोजन के दौरान मची भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 75 अन्य लोग घायल हो गए। घटना के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सक्रिय हो गया है।

यह हादसा पणजी से करीब 40 किलोमीटर दूर शिरगांव गांव में तड़के करीब 3 बजे उस वक्त हुआ, जब भारी संख्या में श्रद्धालु लईराई जात्रा महोत्सव में हिस्सा लेने मंदिर पहुंचे थे। स्थानीय पुलिस के अनुसार, अचानक भीड़ का दबाव बढ़ने से भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौके पर ही जान चली गई।

सरकारी अस्पतालों में घायलों का इलाज, गंभीर मरीज GMC रेफर

गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से घायलों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 75 घायलों का इलाज राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में किया गया है।

“घायलों को मापुसा के असिलो अस्पताल, बिचोलिम और संखली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), और गंभीर मरीजों को गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) में भर्ती कराया गया है। सभी अस्पताल हाई अलर्ट पर हैं,” — विश्वजीत राणे, स्वास्थ्य मंत्री

मंत्री ने जानकारी दी कि असिलो अस्पताल में 18 मरीज, सीएचसी बिचोलिम में 3 मरीज, और संखली में 1 मरीज इलाजरत हैं। इसके अलावा, 10 उन्नत जीवन रक्षक (ALS) एंबुलेंस तैनात की गईं और गंभीर रूप से घायलों को तुरंत GMC रेफर किया गया।

छह मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल

राणे ने बताया कि घटना में छह लोगों की मौत हुई है। इनमें से चार शव असिलो अस्पताल और दो शव बिचोलिम सीएचसी लाए गए। मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं।

प्राथमिक इलाज और आपातकालीन सेवाओं की त्वरित व्यवस्था

स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी बताया कि सीएचसी की प्राथमिक प्रतिक्रिया टीम ने मौके पर तुरंत पहुंचकर घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी। स्वास्थ्य विभाग ने आपातकालीन दवाइयों, पर्याप्त मेडिकल स्टाफ और मनोवैज्ञानिक सहायता की भी व्यवस्था की है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रमुख, GMC अधिकारियों और स्वास्थ्य सचिव के साथ एक समीक्षा बैठक बुलाई गई है ताकि राहत कार्यों में कोई कमी न रहे।

“हम हर पीड़ित तक समय पर और प्रभावी इलाज पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर स्वास्थ्यकर्मी की सेवा को सलाम करता हूँ,” — राणे

श्री लईराई देवी मंदिर की यह घटना धार्मिक आस्था से जुड़ी भीड़ प्रबंधन की गंभीर चुनौती को उजागर करती है। सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया सराहनीय है, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा मानकों पर पुनः विचार जरूरी है।

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