गौतम गंभीर का बड़ा बयान: “RCB रोड शो की कोई ज़रूरत नहीं थी” – बेंगलुरु भगदड़ पर कोच का गुस्सा

गौतम गंभीर ने बेंगलुरु भगदड़ पर गहरा दुख जताया, रोड शो आयोजन पर सवाल उठाए

गौतम गंभीर ने बेंगलुरु भगदड़ पर गहरा दुख जताया, रोड शो आयोजन पर सवाल उठाए

नई दिल्ली – रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की ऐतिहासिक आईपीएल 2025 जीत के बाद बेंगलुरु में आयोजित विजय जुलूस में हुई भगदड़ ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हादसे में 11 फैंस की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस दिल दहला देने वाली घटना पर भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है। इंग्लैंड रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “ऐसे रोड शो की कोई जरूरत नहीं है अगर हम लोगों की जान नहीं बचा सकते।”

गंभीर ने जताया दुख, उठाए आयोजन पर सवाल

गौतम गंभीर ने कहा –

“जीत का जश्न मनाना अच्छी बात है लेकिन जब लोगों की जान जोखिम में हो, तो ऐसे आयोजनों की कोई आवश्यकता नहीं है। जब मैं खुद खिलाड़ी था, तब भी मैं रोड शो के खिलाफ था। 2007 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी मैंने यही बात कही थी। जीवन सबसे अहम है – किसी भी जश्न से बढ़कर।”

क्या हुआ था बेंगलुरु में?

बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की जीत का जश्न मनाने के लिए आयोजित विक्ट्री परेड में भीड़ बेकाबू हो गई। हालाँकि आयोजन Karnataka State Cricket Association (KSCA) के द्वारा टिकट सिस्टम के तहत रखा गया था, लेकिन फिर भी लगभग 2.5 लाख फैंस स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए। भारी भीड़ और अव्यवस्था के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 13 से 35 वर्ष की आयु के 11 युवा पुरुष और महिलाओं की मौत हो गई।

मौत का आंकड़ा और अस्पताल

गंभीर ने क्या सुझाव दिया?

गंभीर ने आयोजकों से भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा इंतज़ाम पुख्ता करने की बात कही। उन्होंने कहा:

“हम इस तरह के रोड शो की बजाय इंडोर समारोह या सीमित दर्शकों के साथ जश्न के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। फैंस भावुक होते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है।”

क्या भविष्य में बदलेगा जश्न का तरीका?

गंभीर की टिप्पणी ने आयोजकों, राज्य सरकार और BCCI के लिए एक सोचने वाला विषय खोल दिया है। क्या आने वाले समय में खिलाड़ी और टीमें अपने फैन्स के साथ सुरक्षित और सुव्यवस्थित तरीके से जीत का जश्न मना पाएंगे – यह अब एक बड़ी चुनौती बन चुकी है।

मुख्य बिंदु:

यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – कि जश्न के नाम पर हम किसी की जान दांव पर नहीं लगा सकते।

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