जलालाबाद (उत्तर प्रदेश): पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गंगा एक्सप्रेसवे पर अपनी ताकत का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया। जलालाबाद के पीरू गांव के पास बनी विशेष हवाई पट्टी पर वायुसेना के आधुनिकतम लड़ाकू विमानों ने न सिर्फ दिन में बल्कि रात के अंधेरे में भी लैंडिंग कर एक नया इतिहास रच दिया। भारत अब उन गिने-चुने देशों की कतार में शामिल हो गया है जो एक्सप्रेसवे पर नाइट फाइटर लैंडिंग कराने की क्षमता रखते हैं।
राफेल से लेकर सुखोई तक: वायुशक्ति का जबरदस्त प्रदर्शन
सुबह 11:30 बजे शुरू होने वाला एयर शो मौसम की खराबी के चलते करीब एक घंटे देर से आरंभ हुआ। लेकिन जैसे ही लड़ाकू विमानों ने गगन चीरते हुए उड़ान भरी और गंगा एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर ‘टच एंड गो’ किया, वहां मौजूद हजारों दर्शकों के रोंगटे खड़े हो गए। राफेल, सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29, जगुआर, मिराज और सुपर हरक्यूलिस जैसे विमान एक के बाद एक गगन को चीरते हुए उतरे और देश की रक्षा क्षमता का जीवंत प्रदर्शन किया।
MI-17 हेलिकॉप्टर से हुआ कमांडो का ‘स्लिदिंग ड्रिल’
एयर शो के दौरान बरेली के त्रिशूल एयरबेस से आए MI-17 V5 हेलिकॉप्टर से गरुड़ कमांडोज़ ने रस्सियों की मदद से नीचे उतरने का प्रदर्शन कर युद्धकालीन आपात परिस्थितियों में एयरबोर्न ऑपरेशन्स की झलक पेश की।
रात में नाइट लैंडिंग कर भारत ने रचा नया कीर्तिमान
दोपहर में शुरू हुआ यह शक्ति प्रदर्शन शाम तक जारी रहा और फिर रात 8 बजे से सबसे चुनौतीपूर्ण चरण शुरू हुआ—नाइट लैंडिंग। दो राफेल, दो मिग-29, सुखोई-30, जगुआर और सुपर हरक्यूलिस जैसे विमानों ने रात 10 बजे तक एक्सप्रेसवे पर सफल लैंडिंग और टेकऑफ किए। इस ऐतिहासिक अभ्यास के दौरान कटरा-जलालाबाद हाईवे को शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक यातायात के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया।
आपातकालीन हालात में वरदान बनेगा यह वैकल्पिक रनवे
वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि यह एक्सरसाइज युद्ध जैसी आपात परिस्थितियों की तैयारी का हिस्सा है। यदि किसी सैन्य एयरबेस की हवाई पट्टी दुश्मन द्वारा क्षतिग्रस्त कर दी जाती है, तो एक्सप्रेसवे की वैकल्पिक पट्टी पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग करवाई जा सकती है। यह रणनीति भारत की रक्षात्मक तैयारियों को और सशक्त करती है।
सुखोई-30 ने की छह बार टचडाउन, राफेल और मिग-29 भी पीछे नहीं रहे
सुखोई-30 के दो विमानों ने छह बार हवाई पट्टी को छूकर दर्शकों को रोमांचित किया। कम ऊंचाई पर की गई कलाबाजियों ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। दो राफेल, दो मिग-29, दो जगुआर और सुपर हरक्यूलिस जैसे भारी परिवहन विमानों ने भी शानदार प्रदर्शन किया।
भारतीय वायुसेना का यह अभूतपूर्व अभ्यास न केवल सैन्य क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक तैयारियों और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति का भी स्पष्ट संकेत है। यह अभ्यास एक संदेश है—भारत हर परिस्थिति से निपटने को तैयार है।