गणेश चतुर्थी का पर्व बप्पा की भक्ति और उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन गणेश जी की पूजा विशेष विधि से की जाती है और अंत में उनकी आरती गाई जाती है। माना जाता है कि सच्चे मन से गणेश जी की आरती करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
यहाँ प्रस्तुत है गणेश जी की प्रसिद्ध आरती “सुखकर्ता दुखहर्ता”, जिसे गणेश चतुर्थी और अन्य अवसरों पर गाया जाता है।
गणेश जी की आरती
सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ति।।
जय देव जय देव।।
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ति।।
जय देव जय देव।।
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मन कामना पूर्ति।।
जय देव जय देव।।