दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके, अफगानिस्तान रहा केंद्र | जानिए पूरी जानकारी

भूकंप दिल्ली 2025

नई दिल्ली: शनिवार सुबह दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे कुछ देर के लिए लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश क्षेत्र में स्थित था, जिसकी गहराई लगभग 130 किलोमीटर बताई गई है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता

इस भूकंप की तीव्रता 6.0 मैग्नीट्यूड के आसपास मापी गई, जिसे दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया। हालाँकि, अब तक किसी भी जान-माल की क्षति की कोई सूचना नहीं मिली है। भूकंप के झटके कुछ ही सेकंड के थे, लेकिन इनका प्रभाव कई इलाकों में महसूस किया गया।

दिल्ली में ऑफिस और घरों में लोगों ने झटके महसूस किए

दिल्ली में कई दफ्तरों और रिहायशी इलाकों में लोगों ने कंपकंपी महसूस की। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “मैं ऑफिस में बैठा था तभी मेरी कुर्सी अचानक हिलने लगी। पहले लगा कि कोई मज़ाक कर रहा है, लेकिन फिर सबने महसूस किया कि ये भूकंप है।” इसके तुरंत बाद सोशल मीडिया पर भूकंप को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी महसूस हुए झटके

इस भूकंप के झटके पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद, पेशावर, लाहौर और अन्य उत्तरी इलाकों में भी महसूस किए गए। पाकिस्तान में यह एक हफ्ते में तीसरा भूकंप है, जिससे स्थानीय प्रशासन अलर्ट मोड पर है। अब तक वहां भी किसी बड़ी क्षति की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

हिंदूकुश क्षेत्र बना भूकंपीय गतिविधियों का केंद्र

16 अप्रैल को भी अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 5.9 मैग्नीट्यूड मापी गई थी। यह क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों के कारण बार-बार भूकंप आते हैं।

विशेषज्ञों की चेतावनी

भूवैज्ञानिकों के अनुसार, हिंदूकुश क्षेत्र भूकंपीय दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है। यहाँ अक्सर टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल के कारण मध्यम से तेज भूकंप आते रहते हैं। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि भविष्य में और झटके महसूस हो सकते हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

आपात स्थिति में क्या करें?

हालांकि इस भूकंप से अभी तक कोई बड़ी क्षति की सूचना नहीं है, लेकिन यह एक बार फिर यह बता गया कि उत्तर भारत समेत पूरा उपमहाद्वीप एक संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र में आता है। सरकारी एजेंसियों और आम जनता दोनों को आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर लगातार काम करते रहना चाहिए।

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