दिल्ली के सभी स्कूलों में दिव्यांगता स्क्रीनिंग शुरू, शिक्षा निदेशालय ने जारी किया नोटिस

नई दिल्ली: दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी मान्यता प्राप्त और स्थानीय निकायों (MCD, NDMC, DCB) के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक अहम निर्देश जारी हुआ है। शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education, GNCTD) ने 21 प्रकार की दिव्यांगताओं के लिए वार्षिक स्क्रीनिंग अभियान शुरू करने का आदेश दिया है। इसका उद्देश्य विकलांगता की समय रहते पहचान कर छात्रों के लिए उपयुक्त शैक्षिक कार्यक्रम तैयार करना है, जो ‘दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016’ के तहत आवश्यक है।
क्या करना है?
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हर छात्र का ऑब्जर्वेशन (Observation) करें।
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PRASHAST मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करके स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी करें।
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माता-पिता से अनिवार्य अनुमति पत्र (NOC) प्राप्त करें।
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जिन छात्रों में डिसेबिलिटी के लक्षण नजर आएं, उनकी एक सूची बनाएं।
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सभी जानकारियों के आधार पर समय पर रिपोर्ट तैयार करें और आगे बढ़ाएं।
किन बातों पर विशेष ध्यान देना है?
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चलने, खाने, लिखने या अन्य शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई
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बोलने में रुकावट या अस्पष्टता
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पढ़ने, लिखने या सीखने में परेशानी
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सामाजिक व्यवहार में असमान्यताएं
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अत्यधिक डर या कल्पनाओं में खोने की प्रवृत्ति
कितने चरणों में होगी स्क्रीनिंग?
स्क्रीनिंग प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी:
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चरण 1: क्लास टीचर द्वारा शुरुआती स्क्रीनिंग।
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चरण 2: विशेष शिक्षक या काउंसलर द्वारा गहन जांच।
जरूरी तारीखें:
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30 अप्रैल, 2025: सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी करनी होगी।
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25 जुलाई, 2025: छात्रों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
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31 जुलाई, 2025: पूरी रिपोर्ट संबंधित जिला समन्वयक (District Coordinator) को सौंपनी होगी।
यह वार्षिक स्क्रीनिंग पहल बच्चों की विशेष जरूरतों को समय रहते पहचानने और उनके समुचित विकास के लिए जरूरी संसाधन प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का लक्ष्य बच्चों की शिक्षा को और अधिक समावेशी और सुलभ बनाना है।