नई दिल्ली: पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब देश की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और सैन्य स्तर पर कई रणनीतिक फैसले लिए जा रहे हैं।
इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी भी प्रधानमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने पीएम मोदी को अलग-अलग क्षेत्रीय सुरक्षा स्थितियों और तैयारियों की जानकारी दी।
PM आवास पर लगातार हो रहीं हाई-लेवल बैठकें
यह अहम बैठक प्रधानमंत्री निवास लोक कल्याण मार्ग पर हुई, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी हाल ही में हुई समीक्षा बैठकों में शामिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकार किसी भी प्रकार की संभावित प्रतिक्रिया के लिए सेना को पूर्ण स्वतंत्रता दे चुकी है।
पहलगाम आतंकी हमला: 26 लोगों की नृशंस हत्या
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आतंकी हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक जांच में इसके सीमा पार साजिश से जुड़े तार सामने आए हैं।
CCS और सर्वदलीय बैठक में हुए सख्त फैसले
हमले के अगले दिन सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कड़ी नीति दोहराई गई। प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि इस हमले के जिम्मेदार आतंकियों और साजिशकर्ताओं को बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही, सरकार ने सेना को पलटवार के तरीके, समय और लक्ष्य चुनने की पूर्ण छूट दे दी है।
इसके अलावा एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई, जिसमें विपक्षी दलों ने आतंकी साजिश के खिलाफ सरकार के कदमों का एकमत समर्थन किया।
पाकिस्तान पर कूटनीतिक प्रहार: सिंधु जल संधि स्थगित
भारत ने पाकिस्तान को भेजे गए कड़े संदेशों के तहत सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ कई आर्थिक, कूटनीतिक और जल प्रबंधन स्तर पर पाबंदियां भी लगाई गई हैं।