गूगल डीपमाइंड का अल्फाजीनोम: डीएनए बदलावों का एआई विश्लेषण

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गूगल डीपमाइंड का अल्फाजीनोम: डीएनए बदलावों का एआई विश्लेषण

गूगल डीपमाइंड का अल्फाजीनोम: डीएनए बदलावों का एआई विश्लेषण

गूगल डीपमाइंड ने ‘अल्फाजीनोम’ नामक एक उन्नत AI मॉडल लॉन्च किया है, जो डीएनए में होने वाले परिवर्तनों के प्रभाव का अनुमान लगाकर मानव स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा। यह एआई नॉन-कोडिंग डीएनए सहित जीनोमिक डेटा की गहराई से व्याख्या कर सकता है और आनुवांशिक रोगों के कारणों को समझने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।

अल्फाजीनोम के बारे में:

  • अल्फाजीनोम, गूगल डीपमाइंड का एक नया एआई मॉडल है, जो डीएनए नियामक कार्य पर आनुवंशिक उत्परिवर्तनों के प्रभावों का सटीक अनुमान लगा सकता है।
  • यह मॉडल लंबे डीएनए अनुक्रमों के साथ 1 मिलियन बेस पेयर तक तथा हजारों आणविक गुणों की भविष्यवाणी कर सकता है जो नियामक गतिविधि का वर्णन करता है।
  • इसे जीनोम तंत्र की गहन समझ प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें गैर-कोडिंग क्षेत्र भी शामिल है जो प्रोटीन का उत्पादन नहीं करते है लेकिन जीन विनियमन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • विभिन्न सेल प्रकारों और जैविक प्रक्रियाओं में सामान्य और दुर्लभ आनुवंशिक वेरियंट का आकलन कर सकता है, केवल एक एकीकृत मॉडल के माध्यम द्वारा।
  • इसे सार्वजनिक जीनोमिक डेटा सेट्स पर प्रशिक्षित किया गया है तथा यह एपीआई के माध्यम से गैर-व्यावसायिक अनुसंधान उपयोग के लिए उपलब्ध है।
  • यह एनफॉर्मर जैसे पिछले मॉडल पर आधारित है और अल्फामिसेंस का पूरक है, जो प्रोटीन-कोडिंग वेरियंट का विश्लेषण करता है।
  • इसे क्लिनिकल डायग्नोसिस (चिकित्सा निदान) के लिए अनुमोदित नहीं है।

अल्फाजीनोम का महत्व:

  • ये एआई-आधारित जीनोमिक अनुसंधान को बढ़ावा देता है।
  • विभिन्न कोशिका प्रकारों के लिए आवश्यक डीएनए निर्देशों को मानचित्रण में सहायता करता है।
  • ये कैंसर से जुड़ी कई आनुवांशिक बीमारियों से जुड़े नॉन-कोडिंग डीएनए को समझने में मदद करता है।
  • यह कस्टम नियामक कार्यों के साथ सिंथेटिक डीएनए के डिजाइन का मार्गदर्शन कर सकता है।
  • यह जैव विज्ञान और प्रिसिशन हेल्थ (सटीक स्वास्थ्य सेवाओं) के विकास में सहायक है।

अल्फाजीनोम के अनुप्रयोग:

  • यह कोशिका और ऊतक विशिष्ट पैटर्न को प्रतिबिंबित करने में मॉडल की परिशुद्धता को बढ़ाना तथा सुधार का एक प्रमुख क्षेत्र बना हुआ है।
  • ये आणविक प्रभावों की भविष्यवाणी करता तो करता है, लेकिन लक्षणों या रोगों में शामिल जटिल जैविक और पर्यावरणीय कारकों को ध्यान में नहीं रखता है।
  • यह मॉडल विशेष रूप से व्यक्तिगत जीनोम व्याख्या के लिए डिजाइन या मान्य नहीं है, बल्कि इसका ध्यान विशिष्ट आनुवंशिक वेरियंट के विश्लेषण पर केंद्रित है।

एआई जीनोमिक मॉडल डीएनए उत्परिवर्तन की सटीक भविष्यवाणी की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है, जो आनुवंशिक व्यवधानों के कार्यात्मक प्रभाव की भविष्यवाणी करके रोग के संभावित कारणों को पहचानने में मदद करता है। डीएनए अनुक्रमों में छोटे-छोटे बदलाव किसी जीव की पर्यावरण के प्रति प्रतिक्रिया या रोग के प्रति संवेदनशीलता को बदल सकते है। इस योगदान से डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हसाबिस को हाल ही में आनुवंशिकी और डीएनए से संबंधित कार्य के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला है।

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