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Covid-19 New Variant NB.1.8.1 in India: जानें कितना खतरनाक है नया सब-वैरिएंट?

भारत में कोविड का नया NB.1.8.1 वैरिएंट, जानें लक्षण और खतरनाक स्तर

भारत में कोविड का नया NB.1.8.1 वैरिएंट, जानें लक्षण और खतरनाक स्तर

नई दिल्ली — कोविड-19 का खतरा एक बार फिर सिर उठा रहा है। ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना वायरस का एक नया सब-वैरिएंट NB.1.8.1 अब भारत में भी दस्तक दे चुका है। यह वैरिएंट पहले सिंगापुर और अमेरिका में सामने आया था और अब केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली-NCR क्षेत्र में इसके मामलों की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे Omicron वेरिएंट की उप-श्रेणी बता रहे हैं, लेकिन इसकी संक्रामकता और लक्षणों को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।

क्या है NB.1.8.1 सब-वैरिएंट?

NB.1.8.1 असल में Omicron परिवार का ही एक नया सब-वैरिएंट है। यह वायरस में हुए जेनेटिक म्यूटेशन की वजह से विकसित हुआ है। इसकी पहचान सबसे पहले सिंगापुर के हेल्थ मंत्रालय ने की थी और फिर यह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों में तेजी से फैला। भारत में हाल ही में INSACOG (Indian SARS-CoV-2 Genomics Consortium) की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि की गई है।

इसके लक्षण क्या हैं?

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, NB.1.8.1 से संक्रमित लोगों में अब तक निम्न लक्षण देखे गए हैं:

हालांकि, अब तक यह वैरिएंट ज़्यादातर मामलों में हल्के लक्षण ही दिखा रहा है, लेकिन बुजुर्गों और को-मॉर्बिडिटी (अन्य बीमारियों से पीड़ित) लोगों के लिए यह जोखिम भरा हो सकता है।

कितना खतरनाक है NB.1.8.1?

वायरोलॉजिस्ट्स और विशेषज्ञों का कहना है कि NB.1.8.1 की संक्रमण फैलाने की क्षमता अधिक है, लेकिन यह गंभीर बीमारी उत्पन्न करने में उतना खतरनाक नहीं दिख रहा है। हालांकि यह वैक्सीनेटेड और बूस्टर डोज़ ले चुके लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन उनके लिए इसके प्रभाव हल्के देखे गए हैं।

सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियों की तैयारियां

भारत सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस नए वैरिएंट को देखते हुए हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग, जीनोमिक सर्विलांस, और RT-PCR टेस्टिंग को बढ़ा दिया है। इसके साथ ही लोगों को फिर से मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की सफाई जैसे कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाने की सलाह दी जा रही है।

क्या वैक्सीन इस पर प्रभावी है?

अब तक उपलब्ध रिपोर्ट्स बताती हैं कि कोविड वैक्सीन्स NB.1.8.1 पर भी प्रभावशाली हैं, लेकिन यह इम्यून सिस्टम को आंशिक रूप से चकमा दे सकता है। बूस्टर डोज़ लेने वालों में संक्रमण की संभावना कम देखी गई है।

क्या करें और क्या न करें?

जरूरी सावधानियां:

इनसे बचें:

हालांकि NB.1.8.1 अब तक उतना घातक नहीं माना गया है, लेकिन इसकी तेज़ी से फैलने की क्षमता चिंता का कारण है। भारत में पहले से ही मजबूत स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली है, लेकिन जनता का सहयोग और सतर्कता इस लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार बनेगा।

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