CM योगी का बंगाल हिंसा पर बड़ा बयान: “लातों के भूत बातों से नहीं मानते”

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CM Yogi का बयान

CM Yogi On West Bengal: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अब देश में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को सख्ती से जवाब मिलेगा। योगी ने अपने बयानों में कहा, “लातों के भूत बातों से नहीं मानते,” और यही सिद्धांत देशविरोधी ताकतों पर लागू होगा।

क्या है बंगाल हिंसा का मामला?

हाल ही में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, बीरभूम और उत्तर दिनाजपुर जिलों में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने पथराव, आगजनी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस और प्रशासन को हालात काबू में लाने के लिए भारी बल तैनात करना पड़ा।

योगी आदित्यनाथ का बयान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा:

“भारत में अब तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। जो लोग देश को अस्थिर करने का षड्यंत्र कर रहे हैं, उन्हें उनके ही भाषा में जवाब मिलेगा। लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है, लेकिन अराजकता किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

राजनीतिक बयानबाजी तेज

योगी के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है।

BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा,

“पश्चिम बंगाल सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से असफल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।”

वहीं, TMC ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ आग में घी डालने का काम कर रही है।

TMC नेता कुणाल घोष बोले:

“योगी आदित्यनाथ पहले अपने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और सांप्रदायिक घटनाओं पर ध्यान दें। बंगाल को सलाह देने की ज़रूरत नहीं।”

केंद्र की भूमिका पर उठे सवाल

इस बीच विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से भी यह सवाल उठाया है कि अगर हालात इतने बिगड़ रहे हैं तो गृह मंत्रालय ने अब तक कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाया। गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति पर रिपोर्ट तलब की है।

बंगाल में वक्फ एक्ट को लेकर उपजा तनाव अब राष्ट्रीय राजनीति का विषय बनता जा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान ने इस मुद्दे को और गर्मा दिया है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह मामला केवल बयानबाजी तक सीमित रहेगा या केंद्र सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाएगी।

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