Bihar: बिहार में कुल कितने जिले हैं? 38 या 40, जानें क्या होता है पुलिस जिला?
Bihar: हाल ही में जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर (PK) का एक बयान सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आ गया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि “राहुल गांधी को बिहार के 40 जिलों का नाम तक नहीं मालूम होगा।”
इस बयान ने बहस छेड़ दी कि आखिर बिहार में जिलों की संख्या 40 है या 38? क्योंकि प्रशासनिक रूप से बिहार में 38 जिले ही हैं। ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या प्रशांत किशोर ने पुलिस जिलों को जोड़कर 40 जिलों की बात कही या फिर उनकी जुबान फिसल गई?
इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे –
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बिहार में कुल कितने जिले हैं
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पुलिस जिला क्या होता है
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बिहार में पुलिस जिलों की संख्या कितनी है
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प्रशासनिक जिला और पुलिस जिला में क्या अंतर है
बिहार में कुल कितने जिले हैं?
बिहार का गठन 22 मार्च 1912 को हुआ था। उस समय इसमें कुल 18 जिले शामिल थे। धीरे-धीरे विभाजन और प्रशासनिक सुविधा के लिए नए जिले बनाए गए। आज की तारीख (2025) तक बिहार में कुल 38 जिले हैं। ये जिले पांच प्रमंडलों और 9 डिवीज़नों में विभाजित हैं।
बिहार के 38 जिले इस प्रकार हैं:
- अररिया
- अरवल
- औरंगाबाद
- बांका
- बेगूसराय
- भागलपुर
- भोजपुर
- बक्सर
- दरभंगा
- गया
- गोपालगंज
- जमुई
- जहानाबाद
- कैमूरक
- टिहार
- खगड़िया
- किशनगंज
- लखीसराय
- मधेपुरा
- मधुबनी
- मुंगेर
- मुजफ्फरपुर
- नालंदा
- नवादा
- पटना
- पूर्णिया
- रोहतास
- सहरसा
- समस्तीपुर
- सारण
- शेखपुरा
- शिवहर
- सीतामढ़ी
- सीवान
- सुपौल
- वैशाली
- पश्चिम चंपारण
- पूर्वी चंपारण
इस सूची से स्पष्ट है कि प्रशासनिक रूप से बिहार में अभी भी 38 जिले ही हैं।
बिहार का प्रशासनिक ढांचा काफी बड़ा और जटिल है।
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कुल जिले: 38
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मंडल: 9 (पटना, तिरहुत, सारण, दरभंगा, कोशी, भागलपुर, मगध, पूर्णिया और मुंगेर)
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लोकसभा सीटें: 40
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विधानसभा सीटें: 243
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विधान परिषद: 75 सदस्य
2011 की जनगणना के अनुसार बिहार की आबादी 10.41 करोड़ थी, और अब यह लगभग 12 करोड़ के करीब मानी जाती है। 2024 तक बिहार में 45,103 राजस्व गांव हैं। इतनी बड़ी आबादी और जटिल संरचना के कारण प्रशासनिक जिलों और पुलिस जिलों में फर्क को समझना जरूरी है।
पुलिस जिला क्या है?
अब सवाल आता है – पुलिस जिला (Police District) क्या है?
पुलिस जिला (Police District) एक ऐसी प्रशासनिक इकाई है, जिसे खास तौर पर कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए बनाया जाता है। यह सामान्य जिले जैसा नहीं होता।
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प्रशासनिक जिले का नेतृत्व जिलाधिकारी (DM) करते हैं और उसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, राजस्व समेत सभी विभाग आते हैं।
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पुलिस जिले का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (SP) करते हैं और इनका फोकस सिर्फ अपराध नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था पर होता है।
इस तरह पुलिस जिला प्रशासनिक जिले के भीतर काम करता है, लेकिन उसका क्षेत्र और कामकाज सीमित और केंद्रित होता है।
बिहार में पुलिस जिलों की संख्या
बिहार में कुल 38 प्रशासनिक जिले हैं। लेकिन पुलिस व्यवस्था को बेहतर करने के लिए राज्य सरकार ने कई जिलों में अलग-अलग पुलिस जिलों का गठन किया है।
वर्तमान में बिहार में 2 पुलिस जिले हैं:
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नवगछिया पुलिस जिला – भागलपुर जिले के अंतर्गत, 2016 में गठित।
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बगहा पुलिस जिला – पश्चिम चंपारण (बेतिया) जिले के अंतर्गत, 2005 में गठित।
इन दोनों जिलों में अलग से पुलिस अधीक्षक (SP) की तैनाती होती है। यहाँ थाने और चौकियाँ सीधे पुलिस जिले के अधीन होती हैं।
पुलिस जिलों का इतिहास और उद्देश्य
बिहार में पुलिस जिले बनाने की अवधारणा 2000 के दशक में आई।
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बगहा पुलिस जिला (2005): नेपाल सीमा से सटे इस इलाके में अपराध और तस्करी रोकने के लिए।
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नवगछिया पुलिस जिला (2016): गंगा के कछार और अपराध प्रभावित क्षेत्र को बेहतर पुलिसिंग देने के लिए।
इन जिलों का मुख्य उद्देश्य था बड़े जिलों पर से बोझ कम करना और सीमावर्ती व अपराध प्रभावित इलाकों में पुलिसिंग को चुस्त-दुरुस्त बनाना।
प्रशासनिक जिला और पुलिस जिला में अंतर
| पहलू | प्रशासनिक जिला | पुलिस जिला |
|---|---|---|
| नेतृत्व | जिलाधिकारी (DM) | पुलिस अधीक्षक (SP) |
| कार्य | विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, राजस्व | कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण |
| क्षेत्र | पूरा जिला | जिले का विशेष भाग |
| उद्देश्य | प्रशासनिक कामकाज | सुरक्षा और पुलिसिंग |
अन्य राज्यों में पुलिस जिले
सिर्फ बिहार ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों में भी पुलिस जिलों या पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था है।
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उत्तर प्रदेश: लखनऊ, नोएडा जैसे बड़े जिलों में पुलिस कमिश्नरेट।
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महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे, नागपुर में पुलिस कमिश्नरेट।
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झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस जिले।
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पश्चिम बंगाल: सीमावर्ती जिलों में अलग पुलिस जिलों की व्यवस्था।
इनका उद्देश्य एक ही है—अपराध नियंत्रण और सुरक्षा को अधिक प्रभावी बनाना।
पुलिस जिलों के फायदे
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अपराध नियंत्रण में तेजी
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सीमावर्ती इलाकों में तस्करी पर रोक
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पुलिस को निर्णय लेने की स्वतंत्रता
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संवेदनशील क्षेत्रों में त्वरित कार्रवाई
पुलिस जिलों की चुनौतियाँ
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पर्याप्त संसाधनों और स्टाफ की कमी
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प्रशासनिक और पुलिस जिलों में समन्वय की दिक्कत
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वित्तीय बोझ बढ़ना
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स्थानीय राजनीति और हस्तक्षेप
प्रशांत किशोर के बयान का मतलब
जब प्रशांत किशोर ने कहा कि “बिहार में 40 जिले हैं”, तो संभवतः वह पुलिस जिलों का जिक्र कर रहे थे।
लेकिन आधिकारिक तौर पर प्रशासनिक स्तर पर अभी भी बिहार में 38 जिले ही माने जाते हैं।
यानी, तकनीकी तौर पर उनका बयान अधूरा था, लेकिन इसे गलत नहीं कहा जा सकता।
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बिहार में कुल 38 प्रशासनिक जिले हैं।
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पुलिस प्रशासन की सुविधा के लिए कुछ जिलों को अलग पुलिस जिला घोषित किया गया है, जिसकी वजह से गिनती 40 तक पहुंच जाती है।
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प्रशासनिक जिला और पुलिस जिला दोनों अलग अवधारणाएँ हैं।
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प्रशांत किशोर के बयान ने इस विषय को चर्चा में ला दिया, जिससे आम लोगों के लिए भी यह जानना जरूरी हो गया कि जिला और पुलिस जिला में क्या अंतर होता है।
इस तरह स्पष्ट है कि बिहार में प्रशासनिक रूप से 38 जिले हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की दृष्टि से लगभग 40 जिलों का ढांचा काम कर रहा है।
