सीमा सुरक्षा को नई ताकत: भारत करेगा 87 स्वदेशी MALE ड्रोन की खरीदी

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सीमा सुरक्षा को नई ताकत: भारत करेगा 87 स्वदेशी MALE ड्रोन की खरीदी

भारत सरकार ने सीमा सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब देश स्वदेशी कंपनियों से 87 MALE (Medium Altitude Long Endurance) ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया को तेज कर रहा है, जिसमें लगभग 60% स्वदेशी सामग्री होगी। ये ड्रोन न केवल निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने में सक्षम हैं, बल्कि युद्ध की स्थिति में भी प्रभावशाली भूमिका निभा सकते हैं। इस कदम से भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी।

MALE ड्रोन के बारे में

  • MALE (मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस) श्रेणी के ड्रोन मानवरहित वाहन है जिन्हें मध्यम ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ान भरने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य विदेशी फिल्मों पर कमाना और समुद्री एवं स्थलीय वस्तुओं पर पर्यवेक्षण कंपनियों को कम करना है।
  • इन्हें वास्तविक समय निगरानी, उन्नत खुफिया जानकारी जुटाने, टोही के लिए इसका निर्माण किया गया है तथा इनको लड़ाकू भूमिकाओं के लिए भी सुसज्जित किया जा सकता है।
  • ये निगरानी और युद्ध संचालन दोनों के लिए उपयुक्त होते है तथा लंबे समय तक चलने वाले मिशनों में भी सक्षम होते है।
  • ये ड्रोन 35,000 फीट तक की दूरी पर 30 घंटे से अधिक समय तक लगातार उड़ सकता है तथा विभिन्न भू भागों में खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) में भी सहायता प्रदान करेगा।

प्रमुख क्षमताएं एवं पेलोड

  • ये पर्यवेक्षक, जासूस, फोटोग्राफर वैज्ञानिक अनुसंधान, कृषि आपदा प्रबंधन तथा सैन्य कार्यों में भी सक्षम है।
  • विविध भूभागों और मौसम स्थितियों में भी काम कर सकता है।
  • भूमि और समुद्र पर टोही और हमला मिशन के लिए भी सशस्त्र।
  • उच्च-रिजॉल्यूशन कैमरे तथा सेंसर से युक्त
  • संचार उपकरण और कभी कभी परिशुद्धता-निर्देशित हथियार।

रणनीतिक महत्व

  • MALE ड्रोन की पहली बड़े पैमाने पर स्वदेशी खरीद।
  • रक्षा में आत्मनिर्भरता बढ़ाना।
  • प्रमुख भारतीय रक्षा कंपनियां परियोजना में शामिल।
  • आयात पर निर्भरता कम करता है, विशेषकर इजराइली कंपनियों से
  • पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर निगरानी में सुधार कर सकता है।

MALE श्रेणी के ड्रोन का व्यापक रूप से निगरानी टोही, सीमा सुरक्षा और सैन्य अभियानों में एक अहम भूमिका निभाता है। यह पहला मौका है जब मेक इन इंडिया के तहत पहली बार भारतीय वैयक्तिक आवेदकों को MALE ड्रोन की आपूर्ति का कार्य सौंपा गया, जो पहले इजरायल से आय में शामिल हो गए थे।

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