तहव्वुर राणा के बाद इन पांच भगोड़ों पर टिकी है भारत की नजर: कब होगा प्रत्यर्पण?

भारत में आर्थिक अपराधों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है, लेकिन उससे भी अधिक चिंताजनक है उन भगोड़े कारोबारियों की संख्या जो विदेश भाग चुके हैं और अब भारत की जांच एजेंसियां उनके प्रत्यर्पण की राह देख रही हैं। ये वो नाम हैं जो करोड़ों-करोड़ के घोटालों में शामिल रहे और जैसे ही कानून का शिकंजा कसने लगा, देश छोड़कर फरार हो गए।
भारत सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियां इन भगोड़े कारोबारियों को वापस लाने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय न्यायिक मंचों और कूटनीतिक प्रयासों का सहारा ले रही हैं। आइए जानते हैं ऐसे पाँच प्रमुख भगोड़े उद्योगपतियों और व्यापारियों के बारे में जिनका प्रत्यर्पण भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
- मेहुल चोकसी – PNB घोटाले का ‘हीरा’
घोटाले की राशि: ₹13,000 करोड़ (PNB घोटाला)
वर्तमान ठिकाना: एंटीगुआ और बारबुडा
अपराध: बैंक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग
स्थिति: भारत प्रत्यर्पण की कोशिश जारी, लेकिन चोकसी की नागरिकता, स्वास्थ्य और मानवाधिकार से जुड़ी आपत्तियों के चलते प्रक्रिया अटकी हुई है।
नवीनतम अपडेट: अप्रैल 2025 में डोमिनिका की अदालत में सुनवाई जारी है।
- नीरव मोदी – ‘फैशन’ के पीछे छुपा वित्तीय जाल
घोटाले की राशि: ₹13,000 करोड़ (PNB घोटाला में मेहुल चोकसी के साथ साझेदार)
वर्तमान ठिकाना: यूनाइटेड किंगडम
अपराध: धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग
स्थिति: 2021 में ब्रिटिश अदालत ने प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य और अपील प्रक्रिया के चलते अब भी UK में बंद है।
नवीनतम अपडेट: UK हाई कोर्ट में अंतिम अपील लंबित है।
- विजय माल्या – ‘किंगफिशर’ जिसने सरकार को झटका दिया
घोटाले की राशि: ₹9,000 करोड़
वर्तमान ठिकाना: लंदन, यूनाइटेड किंगडम
अपराध: बैंक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग
स्थिति: ब्रिटिश कोर्ट ने प्रत्यर्पण को हरी झंडी दी थी, लेकिन माल्या ने UK गृह मंत्रालय के समक्ष अंतिम अपील कर रखी है।
नवीनतम अपडेट: प्रत्यर्पण आदेश पर अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा, हालांकि भारत सरकार लगातार दबाव बना रही है।
- नितिन संदेसरा और स्टर्लिंग बायोटेक घोटाला
घोटाले की राशि: लगभग ₹5,000 करोड़ रुपये
अपराध: बैंक धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए लोन लेना
जांच एजेंसियां: CBI, ED
नितिन संदेसरा, उनके भाई चेतन संदेसरा और भाभी दीप्ति संदेसरा, स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड नामक फार्मास्युटिकल कंपनी के प्रमोटर हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने भारतीय बैंकों से हज़ारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया और उसे वापस नहीं चुकाया।
जांच के अनुसार, संदेसरा परिवार ने फर्जी दस्तावेज़ों और शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर पैसों को घुमाया और उसे विदेशों में ट्रांसफर किया। मामला सामने आने के बाद पूरा परिवार भारत से फरार हो गया।
कहां छिपे हैं?
बताया जाता है कि संदेसरा परिवार नाइजीरिया में रह रहा है, जहाँ उन्होंने नाइजीरियाई नागरिकता भी ले ली है। इसी वजह से भारत सरकार को उनके प्रत्यर्पण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रत्यर्पण की स्थिति:
भारत सरकार ने नाइजीरिया से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन क्योंकि नाइजीरिया और भारत के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, इसलिए प्रक्रिया जटिल हो गई है।
ED की कार्रवाई:
ईडी ने स्टर्लिंग बायोटेक की 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को अटैच किया है और इन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है।
- ललित मोदी – IPL के पीछे का विवादास्पद चेहरा
घोटाले की राशि: ₹1,200 करोड़ (आर्थिक अनियमितताएं)
वर्तमान ठिकाना: लंदन, यूनाइटेड किंगडम
अपराध: मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी, फेमा उल्लंघन
स्थिति: कोई औपचारिक प्रत्यर्पण कार्यवाही शुरू नहीं हुई, लेकिन ED और प्रवर्तन एजेंसियों की नजरें बनी हुई हैं।
नवीनतम अपडेट: सोशल मीडिया पर सक्रिय, लेकिन भारत सरकार के संपर्क में नहीं।
भारत के प्रत्यर्पण प्रयास – बड़ी चुनौतियां
इन मामलों में भारत सरकार ने इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस, द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधियां और आपसी कानूनी सहायता समझौतों (MLAT) का सहारा लिया है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकारों की रक्षा और जटिल न्यायिक प्रक्रियाओं के चलते यह प्रक्रिया बेहद लंबी और जटिल बन जाती है।
भारत की न्याय व्यवस्था और आर्थिक सुरक्षा के लिए इन भगोड़े अपराधियों की वापसी बेहद जरूरी है। जनता का विश्वास कानून में तब ही बनेगा जब ऐसे आर्थिक अपराधियों को उनके गुनाह की सजा मिले। इन पांच प्रमुख नामों के अलावा भी कई अन्य छोटे-बड़े भगोड़े हैं, जिन्हें भारत लाने की कोशिशें जारी हैं।