बार-बार आंधी-तूफान, मई में बार-बार क्यों बिगड़ रहा मौसम का मिजाज? जानिए वैज्ञानिक कारण

बार-बार आंधी-तूफान का कारण क्या है? जानिए मई के बिगड़े मौसम का सच

बार-बार आंधी-तूफान का कारण क्या है? जानिए मई के बिगड़े मौसम का सच

नई दिल्ली: मई 2025 में उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में बार-बार आंधी-तूफान और तेज बारिश की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में गर्मी के मौसम में जो आंधी-तूफान कभी-कभी आता था, वह इस बार लगभग हर हफ्ते दोहराया जा रहा है। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है, पेड़ गिरने से मौतें हो रही हैं और फ्लाइट्स से लेकर बिजली आपूर्ति तक बाधित हो रही है। आखिर इसके पीछे क्या वजह है?

बार-बार आंधी आने के कारण:

1. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) का सक्रिय रहना

पश्चिमी विक्षोभ सामान्यतः उत्तर भारत में सर्दियों में सक्रिय होते हैं, लेकिन इस बार मई के महीने में भी लगातार एक के बाद एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ रहे हैं। इससे हवा में नमी बढ़ती है और वातावरण अस्थिर हो जाता है, जो आंधी-तूफान का कारण बनता है।

2. लू की जगह आंधी

इस बार कई क्षेत्रों में गर्म हवाओं यानी “लू” के बजाय अचानक आंधी-तूफान देखने को मिल रहा है। इसकी वजह यह है कि सतह पर गर्मी अधिक है और ऊपरी वायुमंडल में ठंडी हवा का प्रवेश हो रहा है। यह टकराव तेज़ हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश को जन्म देता है।

3. मानसून पूर्व गतिविधियों का प्रभाव

भारत में मानसून जून की शुरुआत में आता है, लेकिन उससे पहले की ‘प्री-मानसून एक्टिविटी’ भी तेज हो गई है। इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति सामान्य से थोड़ी तेज है, और यह नमी उत्तर भारत तक पहुंचा रही है।

4. जलवायु परिवर्तन की भूमिका

विशेषज्ञ मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम के पैटर्न में असामान्य बदलाव आ रहे हैं। पहले जहां मई के महीने में सूखा और गर्मी रहती थी, अब वहां अस्थिरता बढ़ रही है।

प्रभाव और नुकसान

आगे क्या होगा?

मौसम विभाग के अनुसार, जून की शुरुआत तक ऐसे मौसम में अस्थिरता बनी रह सकती है। लगातार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के सक्रिय रहने की संभावना है, जिससे और आंधी-बारिश हो सकती है।

क्या करें आम लोग?

बार-बार आंधी-तूफान का कारण केवल मौसम नहीं, बल्कि बदलता जलवायु संतुलन भी है। आने वाले वर्षों में यदि ग्रीनहाउस गैसों और तापमान वृद्धि को नियंत्रित नहीं किया गया, तो इस तरह के अचानक और तीव्र मौसम बदलाव आम हो जाएंगे।

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