गाय के साथ बकरीद की पोस्ट कर फंसी आरफा खानम, सोशल मीडिया पर गिरफ्तारी की माँग
नई दिल्ली – बकरीद के मौके पर कांग्रेस नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता आरफा खानम एक बड़े विवाद में फँस गई हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर बकरीद की मुबारकबाद देते हुए गाय के साथ कुर्बानी की एक तस्वीर पोस्ट कर दी, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो गईं। पोस्ट वायरल होते ही सोशल मीडिया पर उनकी गिरफ्तारी की माँग उठने लगी। हालांकि, विवाद बढ़ते देख उन्होंने पोस्ट डिलीट कर माफी माँगते हुए वीडियो जारी किया है।
वायरल पोस्ट में क्या था?
आरफा खानम द्वारा शेयर की गई पोस्ट में एक मुस्लिम लड़का गाय को कुर्बानी के लिए ले जाता हुआ नजर आ रहा था। इस दृश्य को बकरीद की शुभकामना के साथ साझा किया गया था, जिसे लोगों ने हिंदू भावनाओं पर चोट के रूप में देखा।
पोस्ट अब डिलीट हो चुकी है, लेकिन उसके स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके हैं और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं।
सोशल मीडिया पर उठा गिरफ्तारी का मुद्दा
यूज़र्स ने इस पोस्ट की तुलना हाल ही में हुए शर्मिष्ठा केस से की, जिसमें एक युवती को धार्मिक भावनाएँ आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अब लोग सवाल कर रहे हैं कि यदि शर्मिष्ठा को जेल भेजा जा सकता है तो आरफा खानम को क्यों नहीं?
एक यूज़र ने लिखा, “धर्म की आड़ में नफरत फैलाने वालों पर सख्ती जरूरी है, चाहे वो किसी भी पार्टी या समुदाय से हों।”
वीडियो जारी कर मांगी माफी
विवाद बढ़ने के बाद आरफा खानम ने सोशल मीडिया पर एक माफीनामा वीडियो जारी किया। उन्होंने कहा:
“मेरा उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुँचाना नहीं था। जैसे ही मुझे मेरी गलती का एहसास हुआ, मैंने पोस्ट हटा दी। मैं सभी धर्मों और मान्यताओं का सम्मान करती हूँ। आइए हम सब मिलकर शांति और सौहार्द को बढ़ावा दें।”
ईद-उल-अज़हा के अवसर पर मेरे साथ x अकाउंट से एक पोस्ट साझा हुई थी, जिसमें किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई उद्देश्य नहीं था। लेकिन अगर उस पोस्ट से किसी को ठेस पहुँची हो — विशेष रूप से हिन्दू समुदाय के किसी भी सदस्य की भावना आहत हुई हो — तो मैं उसके लिए दिल… pic.twitter.com/PZq4BNB4Y9
— Aarfa Khanam (@Adv_AarfaKhanam) June 7, 2025
ईद-उल-अज़हा के अवसर पर मेरे साथ x अकाउंट से एक पोस्ट साझा हुई थी, जिसमें किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का कोई उद्देश्य नहीं था। लेकिन अगर उस पोस्ट से किसी को ठेस पहुँची हो — विशेष रूप से हिन्दू समुदाय के किसी भी सदस्य की भावना आहत हुई हो — तो मैं उसके लिए दिल… pic.twitter.com/PZq4BNB4Y9
— Aarfa Khanam (@Adv_AarfaKhanam) June 7, 2025
कट्टरपंथ बनाम संवेदनशीलता
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या धार्मिक त्योहारों के मौके पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल जिम्मेदारी से किया जा रहा है या जानबूझकर भावनाओं को भड़काने के लिए?
बकरीद जैसे पवित्र मौके पर ऐसी पोस्टों से सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुँचना स्वाभाविक है। इस पर कानूनी और सामाजिक स्तर पर जिम्मेदारी तय करने की जरूरत है।