ट्रंप बोले – “भारत में न बने iPhone”, Apple बोला – “भारत ही सही”! जानिए वजह

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ट्रंप बोले – “भारत में न बने iPhone”, Apple बोला – “भारत ही सही”! जानिए वजह

ट्रंप बोले – “भारत में न बने iPhone”, Apple बोला – “भारत ही सही”! जानिए वजह

नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ‘मेड इन अमेरिका’ का नारा बुलंद करते हुए Apple को भारत में iPhone बनाने से रोकने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि Apple को भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही प्रोडक्शन बढ़ाना चाहिए। हालांकि, Apple का रुख इससे बिल्कुल अलग नजर आ रहा है।

क्या कहा ट्रंप ने?

कतर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने बताया कि उन्होंने सीधे Apple के सीईओ टिम कुक से कहा – “मैं नहीं चाहता कि आप भारत में निर्माण करें।” उनका कहना है कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर iPhone वहीं बनाए जाएं, जिससे देश में रोजगार और निवेश बढ़े।

Apple का जवाब?

Apple की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और कंपनी के करीबी सूत्रों के अनुसार, Apple फिलहाल भारत में मैन्युफैक्चरिंग जारी रखने की योजना पर कायम है। यहां तक कि अगले कुछ महीनों में कंपनी भारत में नया बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरू करने जा रही है।

Apple ने पहले ही एलान कर दिया है कि 2026 तक अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone Made in India होंगे।

क्यों भारत में बन रहे हैं iPhone?

भारत की मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम दुनियाभर की टेक कंपनियों के लिए तेजी से पसंदीदा बनती जा रही है। इसके पीछे कई अहम कारण हैं:

  • कम लागत: अमेरिका की तुलना में भारत में उत्पादन की लागत बहुत कम है।

  • PLI स्कीम का फायदा: भारत सरकार की Production Linked Incentive (PLI) योजना के तहत कंपनियों को टैक्स में छूट और अन्य फायदे दिए जा रहे हैं।

  • इंटरनेशनल सप्लाई चेन का हब: भारत, चीन के बाद तेजी से एक नए तकनीकी उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है।

अमेरिका में iPhone बनाना कितना मुश्किल?

Apple अगर अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाता भी है, तो यह आसान नहीं होगा:

  • उच्च मजदूरी और लागत: अमेरिका में मजदूरी और प्रोडक्शन कॉस्ट काफी ज्यादा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में एक iPhone बनाने की लागत $3,500 तक हो सकती है, जो भारत में निर्माण की तुलना में कई गुना ज्यादा है।

  • सप्लाई चेन की सीमाएं: Apple की सप्लाई चेन का बड़ा हिस्सा एशिया में स्थित है। उसे अमेरिका में पूरी तरह शिफ्ट करना लगभग असंभव है।

Apple का भविष्य का प्लान क्या हो सकता है?

Apple संभवतः डुअल स्ट्रैटेजी पर काम कर सकती है:

  • अमेरिका में सीमित संख्या में iPhone बनाकर लोकल मार्केट डिमांड को पूरा करना।

  • जबकि भारत को ग्लोबल सप्लाई हब बनाकर दुनिया भर में iPhone का निर्यात करना।

डोनाल्ड ट्रंप की सलाह और अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग के समर्थन के बावजूद, मौजूदा आर्थिक और लॉजिस्टिक परिस्थितियों को देखते हुए Apple का भारत में बने रहना ज्यादा व्यावहारिक और लाभदायक है। इससे भारत की तकनीकी अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बढ़ावा मिल रहा है।

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