अंबाला/चंडीगढ़। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में बौखलाए पाकिस्तान द्वारा ड्रोन और मिसाइल हमलों की आशंका के बीच हरियाणा के अंबाला जिले में 10 घंटे के रात्रिकालीन ब्लैकआउट का आदेश जारी किया गया है। अंबाला प्रशासन के मुताबिक, यह आदेश रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा।
अंबाला के जिला मजिस्ट्रेट अजय सिंह तोमर ने इस आदेश की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा और सामरिक हितों की रक्षा के लिए जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस दौरान जिलेभर में स्ट्रीट लाइट, बिलबोर्ड, आउटडोर लाइट्स और पावर बैकअप उपकरणों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
ब्लैकआउट के नियम क्या हैं?
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रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी प्रकार की आउटडोर लाइटिंग पर प्रतिबंध।
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इन्वर्टर, जेनरेटर या अन्य बैकअप का उपयोग केवल घर के अंदर किया जा सकता है, लेकिन इस शर्त के साथ कि खिड़कियां और दरवाजे मोटे पर्दों से पूरी तरह ढके हों, जिससे कोई रोशनी बाहर न जाए।
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आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याया सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला प्रशासन ने लोगों से सहयोग और सतर्कता की अपील की है, जिससे कोई भी आतंकी ड्रोन या हवाई हमला रोशनी के माध्यम से टारगेट न कर सके।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अंबाला में ब्लैकआउट आदेश को लेकर कहा,
“पाकिस्तान ने पहलगाम में जिस तरह मासूम लोगों पर गोलियां चलाईं, उसका जवाब हमारी सेना मजबूती से दे रही है। पाकिस्तान को समझना होगा कि आतंकवाद से समाज नहीं बदलता, बल्कि सिर्फ विनाश होता है।”
ऑपरेशन सिंदूर और हमले की आशंका
भारत द्वारा पाकिस्तान और पीओके के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए जवाबी हमलों के बाद पाकिस्तान ने भारत के करीब 15 शहरों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले की कोशिश की। हालांकि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इन प्रयासों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया।
इसके बावजूद संभावित खतरे को देखते हुए पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के कई जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अंबाला, जो कि सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, वहां यह ब्लैकआउट आदेश विशेष सतर्कता का हिस्सा है।
हरियाणा के अंबाला जिले में घोषित यह ब्लैकआउट महज़ एक सुरक्षा उपाय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आम नागरिकों की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में जरूरी है कि लोग प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, किसी भी अफवाह से बचें और देशहित में अपना सहयोग दें।