अक्षय तृतीया 2025: जानिए इस पावन दिन क्या करें और क्या करने से बचें

अक्षय तृतीया 2025
30 अप्रैल को देशभर में अक्षय तृतीया का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है और इसे अबूझ मुहूर्त यानी बिना किसी विशेष ज्योतिषीय गणना के शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ दिन माना जाता है। यह दिन सौभाग्य, धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए विशेष महत्व रखता है।
अगर आप इस दिन का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं तो कुछ कार्य जरूर करें और कुछ कार्यों से बचना भी चाहिए। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया पर क्या करें और क्या नहीं:
अक्षय तृतीया पर क्या करें?
धार्मिक अनुष्ठान और पूजा करें
इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और भगवान परशुराम की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जल, अक्षत (चावल), तुलसी पत्र और पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें।
सोना और संपत्ति खरीदें
अक्षय तृतीया को सोना खरीदने का अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई चीज़ों में हमेशा बढ़ोतरी होती है। कई लोग इस दिन गहने, वाहन या नई संपत्ति भी खरीदते हैं।
दान और पुण्य करें
गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, जल से भरे घड़े और धन का दान करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। अक्षय तृतीया पर दिया गया दान अक्षय फल देता है।
नवीन कार्यों की शुरुआत करें
नया व्यापार शुरू करना, गृह प्रवेश करना, शादी करना या कोई भी नया निवेश करना इस दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन बिना पंचांग देखे भी कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं।
अन्न और जल का दान करें
गर्मियों के समय में प्यासे जीवों और पक्षियों के लिए पानी और अन्न की व्यवस्था करना भी बहुत पुण्यकारी होता है।
अक्षय तृतीया पर क्या ना करें?
क्रोध और वाद-विवाद से बचें
इस दिन सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बनाए रखें। अनावश्यक क्रोध, झगड़े और विवाद से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे शुभता प्रभावित होती है।
मांसाहार और नशे से परहेज करें
अक्षय तृतीया पर सात्विक जीवनशैली अपनानी चाहिए। मांसाहार, शराब आदि का सेवन वर्जित है।
कर्ज लेने या देने से बचें
मान्यता है कि इस दिन लिया गया कर्ज लंबे समय तक बना रहता है। इसलिए इस दिन किसी को उधार देना या स्वयं ऋण लेना अशुभ माना गया है।
दुर्भावना और ईर्ष्या से बचें
दूसरों के प्रति दुर्भावना, ईर्ष्या या गलत सोच इस शुभ दिन के पुण्य को कम कर सकती है। इसलिए मन को शांत और निर्मल बनाए रखें।
पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचाएं
प्रकृति की रक्षा करना इस दिन विशेष महत्व रखता है। पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाने से अक्षय फल में बाधा आ सकती है।
अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है जब बिना किसी मुहूर्त के किए गए कार्य जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाते हैं। सही तरीके से पूजा-अर्चना, दान और शुभ कर्म करके आप इस दिन का संपूर्ण लाभ उठा सकते हैं। याद रखें, शुद्ध मन और अच्छे कर्म ही अक्षय फल का आधार हैं।