एयर इंडिया विमान हादसा: ब्लैक बॉक्स गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त, अमेरिका-यूके में जांच संभव

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एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 क्रैश के ब्लैक बॉक्स का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त!

एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 क्रैश के ब्लैक बॉक्स का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त!

12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के क्रैश के बाद जांच में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, विमान के ब्लैक बॉक्स का एक हिस्सा काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त पाया गया है। माना जा रहा है कि यह नुकसान विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के समय जोरदार टक्कर के कारण हुआ है।

एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) के अनुसार, ब्लैक बॉक्स के दोनों हिस्सों—कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR)—को मलबे से बरामद कर लिया गया था और फिलहाल ये दोनों उपकरण AAIB की कड़ी निगरानी में हैं। इनकी सतह को क्रैश के कारण काफी नुकसान हुआ है, जिससे डेटा निकालने की प्रक्रिया को लेकर विशेषज्ञ बेहद सतर्क हैं।

डेटा रिकवरी के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर विचार

ब्लैक बॉक्स के गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हिस्से की जांच अमेरिका, यूके या सिंगापुर में कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। इन देशों की एजेंसियों जैसे अमेरिका की NTSB, यूके की सिविल एविएशन अथॉरिटी और सिंगापुर की एविएशन जांच इकाइयों को इसकी जांच की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

वहीं, ब्लैक बॉक्स के दूसरे हिस्से की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है। इसलिए संभावना है कि उसकी जांच भारत में ही की जाएगी। इसके लिए लखनऊ स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की लैब को चुना जा सकता है।

ब्लैक बॉक्स से कैसे मिलती है जानकारी?

ब्लैक बॉक्स में उड़ान के अंतिम क्षणों की महत्वपूर्ण जानकारी होती है, जैसे – विमान की ऊंचाई, गति, दिशा और कॉकपिट में हुई बातचीत। यह डेटा बाइनरी फॉर्म (0 और 1) में सेव रहता है जिसे विशेष सॉफ़्टवेयर के माध्यम से इंजीनियरिंग फॉर्मेट में बदला जाता है। तभी इसकी जांच संभव हो पाती है।

सूत्रों के अनुसार, फिलहाल विशेषज्ञ किसी भी तरह का जोखिम उठाना नहीं चाहते। उनका मानना है कि यदि ब्लैक बॉक्स को बिना उपयुक्त सावधानी के खोला गया, तो अंदर का डेटा पूरी तरह से नष्ट हो सकता है।

ब्यूरो द्वारा सभी संभावित जोखिमों का मूल्यांकन करने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा कि ब्लैक बॉक्स की जांच कहां और कैसे कराई जाए। जांच पूरी होने के बाद ही हादसे की असली वजह का खुलासा हो सकेगा।

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