अहमदाबाद चंडोला झील रैकेट का भंडाफोड़: 2000 अवैध झोपड़ियों पर चला बुलडोजर, मास्टरमाइंड फरार

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2000 अवैध झोपड़ियों पर चला बुलडोजर

देशभर में बढ़ी सुरक्षा चिंताओं के बीच अहमदाबाद में मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई की गई। प्रशासन ने शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित चंडोला झील के आसपास फैली अवैध बस्तियों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई है। अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में करीब 2,000 झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया गया। इन बस्तियों को ‘मिनी बांग्लादेश’ कहा जा रहा था।

मास्टरमाइंड का बेटा गिरफ्तार, खुद सरगना लाला बिहारी फरार

इस अवैध बस्ती रैकेट का संचालन लाला पठान उर्फ लाला बिहारी नाम का व्यक्ति कर रहा था, जो मूल रूप से राजस्थान के अजमेर का रहने वाला है। वह दो दशक पहले अहमदाबाद में आकर बसा और स्थानीय अवैध प्रवासियों, विशेष रूप से बांग्लादेशियों के बीच एक ‘फिक्सर’ के रूप में पहचान बना ली।

लाला का बेटा फतेह मोहम्मद पठान, जो इस पूरे नेटवर्क में सक्रिय रूप से शामिल था, उसे क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। लाला खुद इस वक्त फरार है और उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें तैनात हैं।

सरकारी ज़मीन पर अवैध साम्राज्य, जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल

रिपोर्टों के अनुसार, लाला ने चंडोला झील के आसपास बड़ी मात्रा में सरकारी ज़मीन पर कब्जा किया था। वहां उसने टिन शेड, छोटे कमरे, गोदाम और पार्किंग स्पेस बनवाए, जिन्हें वह प्रवासियों को किराए पर देता था। इसके बदले वह हर महीने 10-12 लाख रुपये की अवैध कमाई करता था।

इसके अलावा, उसने जाली किराया समझौते और बिजली बिलों का सहारा लेकर अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के दस्तावेज़ तैयार करवाने में मदद की। यह पूरा रैकेट पश्चिम बंगाल के एजेंटों के जरिए चलाया जा रहा था, जो प्रवासियों को अहमदाबाद भेजते थे।

बिजली चोरी और देह व्यापार का भी खुलासा

लाला और उसके बेटे ने टोरेंट पावर ग्रिड से अवैध रूप से बिजली कनेक्शन लेकर पूरी बस्ती को आपूर्ति दी थी। इससे कंपनी को बड़ा नुकसान हुआ और इलाके की सुरक्षा को भी गंभीर खतरा पहुंचा।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि लाला ने कई महिलाओं को देह व्यापार में धकेल दिया और बस्ती में रहने वालों का डरा-धमकाकर शोषण किया। लोग डर के कारण चुप रहते थे, लेकिन हालिया कार्रवाई ने इस पूरे अवैध नेटवर्क और मानव तस्करी के खेल का पर्दाफाश कर दिया।

फार्महाउस सील, अवैध कमाई से बना था आलीशान ठिकाना

सोमवार को चली एक अन्य कार्रवाई में पुलिस ने लाला के फार्महाउस को सील कर दिया। यह फार्महाउस अवैध किराया, बिजली चोरी और अन्य अवैध धंधों से कमाए गए पैसों से बनाया गया था। फिलहाल यह संपत्ति जांच के दायरे में है।

प्रशासन सख्त, निगरानी बढ़ाई गई

प्रशासन का कहना है कि इस तरह के रैकेट न केवल शहर की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को चोट पहुंचाते हैं, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। अब अहमदाबाद के अन्य हिस्सों में भी अवैध बस्तियों और संदिग्ध प्रवासियों की पहचान और निगरानी तेज कर दी गई है।

अहमदाबाद में की गई यह कार्रवाई न केवल अतिक्रमण हटाने की कवायद है, बल्कि एक संगठित अपराध और सुरक्षा खतरे के खिलाफ सख्त संदेश भी है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अब लाला बिहारी की तलाश में जुटी हैं, और आने वाले दिनों में इस नेटवर्क से जुड़े और नाम सामने आने की संभावना है।

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