Afghanistan Earthquake 2025 : अफगानिस्तान एक बार फिर भूकंप की मार झेल रहा है। रविवार देर रात देश के पूर्वी पहाड़ी इलाकों में 6.0 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के मुताबिक, इसका केंद्र जलालाबाद शहर से 27 किलोमीटर दूर दर्ज किया गया। लगभग दो लाख आबादी वाले इस शहर में पूरी रात लोग दहशत में रहे।
800 से ज्यादा मौतें, 2500 घायल
तालिबान सरकार के आकंड़ों के अनुसार, इस भीषण आपदा में अब तक 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 2500 से अधिक लोग घायल हैं। सबसे ज्यादा नुकसान कुनार प्रांत में हुआ है, जहां अकेले 600 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई। तालिबान के आंतरिक मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि प्रभावित क्षेत्र बेहद दूर-दराज और कठिन पहाड़ी इलाकों में है।
इतनी बड़ी तबाही क्यों?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस भीषण तबाही की कई वजहें हैं:
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भूकंप का समय – यह आधी रात को आया, जब ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे।
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कच्चे मकान – पहाड़ी इलाकों में घर मुख्यतः मिट्टी और पत्थरों से बने होते हैं, जो भूकंप की तीव्रता झेल नहीं पाते।
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सतही भूकंप – यह Shallow यानी सतही भूकंप था, जिसकी वजह से धरती का कंपन और भी तेज महसूस हुआ।
कई घर कुछ ही सेकंड में मलबे में बदल गए, जिससे लोगों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।
राजधानी तक असर
भूकंप के झटके न केवल कुनार और नंगरहार बल्कि लगमान प्रांत तक महसूस किए गए। यहाँ तक कि राजधानी काबुल, जो 140 किलोमीटर दूर है, वहाँ भी धरती हिली और लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए।
कुनार क्षेत्र बेहद गरीब और दुर्गम माना जाता है। राहत और बचाव अभियान जारी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मदद वहाँ पहुँचने में वक्त लगेगा। अधिकारियों को आशंका है कि मलबे में अभी और लोग दबे हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि पर शोक व्यक्त किया।
श्री मोदी ने कहा:
“अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि से मुझे गहरा दुख हुआ है। इस कठिन घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। भारत प्रभावित लोगों को हर संभव मानवीय सहायता और राहत प्रदान करने के लिए तत्पर है।”
Deeply saddened by the loss of lives due to the earthquake in Afghanistan. Our thoughts and prayers are with the bereaved families in this difficult hour, and we wish a speedy recovery to the injured. India stands ready to provide all possible humanitarian aid and relief to those…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
संयुक्त राष्ट्र महासचिव का बयान
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अफगानिस्तान में आए इस भूकंप पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “मैं पीड़ित परिवारों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा हूँ और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूँ।”
I stand in full solidarity with the people of Afghanistan after the devastating earthquake that hit the country earlier today.
I extend my deepest condolences to the families of the victims and wish a speedy recovery to those injured.
The @UN team in Afghanistan is mobilized…
— António Guterres (@antonioguterres) September 1, 2025
भूकंपों का गढ़ है अफगानिस्तान
अफगानिस्तान अक्सर भूकंप की मार झेलता है। हिंदूकुश पर्वतीय क्षेत्र में भारतीय और यूरेशियन टेक्टॉनिक प्लेटों की टकराहट के कारण यह इलाका भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील है।
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7 अक्टूबर 2023 को यहाँ 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
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उसके बाद कई आफ्टरशॉक्स दर्ज हुए।
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उस आपदा में तालिबान सरकार के मुताबिक लगभग 4,000 लोग मारे गए थे, जबकि संयुक्त राष्ट्र ने मौतों का आंकड़ा करीब 1,500 बताया था।
2023 का भूकंप हाल के वर्षों में अफगानिस्तान की सबसे बड़ी प्राकृतिक त्रासदी माना गया था। अब 2025 में आए इस भूकंप ने एक बार फिर हजारों परिवारों को गहरे संकट में डाल दिया है।