अफगानिस्तान में रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक भूकंप के तेज झटकों ने भारी तबाही मचाई। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 6.0 मापी गई। इसका असर पाकिस्तान और भारत के दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक महसूस किया गया।
अफगानिस्तान में तबाही
अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में आए इन झटकों ने कई घरों को मलबे में तब्दील कर दिया। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 1,500 से अधिक लोग घायल हैं। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
नांगरहार जन स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता नकीबुल्लाह रहीमी ने बताया कि भूकंप की वजह से सैकड़ों घर ध्वस्त हो गए। वहीं, अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमन ने कहा कि “मौके पर हमारी टीम मौजूद है लेकिन प्रभावित इलाकों तक पहुंचना बेहद कठिन है। मरने वालों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है।”
पहला भूकंप
-
समय: 1 सितंबर 2025, रात 12 बजकर 47 मिनट
-
तीव्रता: 6.3
-
गहराई: 160 किलोमीटर
यह पहला झटका सबसे तेज़ था। इसकी तीव्रता इतनी अधिक थी कि कंपन अफगानिस्तान से निकलकर पाकिस्तान और भारत (दिल्ली-NCR) तक महसूस हुआ। कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।
दूसरा भूकंप
-
समय: 1 सितंबर 2025, रात 1 बजकर 8 मिनट
-
तीव्रता: 4.7
-
गहराई: 140 किलोमीटर
पहले बड़े झटके के कुछ ही समय बाद दूसरा भूकंप आया। यह अपेक्षाकृत हल्का था, लेकिन लगातार धरती हिलने से डर का माहौल बना रहा।
तीसरा भूकंप
-
समय: 1 सितंबर 2025, रात 1 बजकर 59 मिनट
-
तीव्रता: 4.3
-
गहराई: 140 किलोमीटर
रात को लगभग 2 बजे एक और झटका महसूस किया गया। हालांकि इसकी तीव्रता कम थी, लेकिन इससे लोग और ज्यादा सतर्क हो गए।
चौथा भूकंप
-
समय: 1 सितंबर 2025, सुबह 3 बजकर 3 मिनट 25 सेकंड
-
तीव्रता: 5.0
-
गहराई: 40 किलोमीटर
रात से सुबह तक धरती का कांपना जारी रहा। यह चौथा झटका पिछली बार से ज़्यादा सतही था, जिसकी वजह से नुकसान की संभावना और बढ़ गई।
पांचवां भूकंप
-
समय: 1 सितंबर 2025, सुबह 5 बजकर 16 मिनट 30 सेकंड
-
तीव्रता: 5.0
-
गहराई: 10 किलोमीटर
सुबह होते-होते पांचवां बड़ा झटका महसूस हुआ। यह सबसे कम गहराई वाला भूकंप था, जिसकी वजह से प्रभावित इलाकों में कई घरों को नुकसान पहुँचा।
कब और कहां आया भूकंप?
USGS के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जलालाबाद से 27 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में जमीन के 8 किलोमीटर अंदर था। यह भूकंप रविवार रात 12:47 बजे आया।
झटके अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और भारत की राजधानी दिल्ली व आसपास के इलाकों में भी महसूस किए गए।
दिल्ली-NCR में भी हिली धरती
दिल्ली-एनसीआर में आधी रात को धरती हिलने से लोग दहशत में आ गए और घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, यहाँ झटके हल्के थे, जिसके चलते किसी तरह की जान-माल की हानि की खबर नहीं है।
क्यों आता है भूकंप?
विशेषज्ञों के अनुसार, अफगानिस्तान का हिंदूकुश पर्वतीय इलाका टैक्टॉनिक गतिविधियों के लिहाज से बेहद सक्रिय है। भारतीय प्लेट और यूरोशियन प्लेट की लगातार खिसकन के कारण इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
इसी वजह से यहां कुछ ही दिनों पहले भी 5.5 और 4.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे।
अफगानिस्तान में आए इस भीषण भूकंप ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन मौतों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।