ULLAS कार्यक्रम के तहत मिजोरम, गोवा ‘पूर्ण साक्षर’ राज्य घोषित

ULLAS कार्यक्रम: मिजोरम और गोवा को मिला 'पूर्ण साक्षर राज्य' का दर्जा
भारत सरकार की परिवर्तनकारी शिक्षा योजना ULLAS (Understanding Lifelong Learning for All in Society) के तहत मिजोरम (98.2%) और गोवा (99.72%) को “पूर्ण साक्षर राज्य” घोषित किया गया है। यह उपलब्धि न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता है, बल्कि यह दर्शाती है कि भारत अब हर नागरिक तक ज्ञान और कौशल पहुंचाने की दिशा में गंभीर कदम उठा रहा है।
ULLAS कार्यक्रम के बारे में:
- ULLAS का अर्थ है समाज में सभी के लिए आजीवन शिक्षा को समझना। (जिसे न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम -NILP के नाम से भी जाना जाता है) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक परिवर्तनकारी पहल है, जिसका उद्देश्य आजीवन शिक्षा को बढ़ावा देना तथा 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिकों के बीच बुनियादी साक्षरता और महत्वपूर्ण जीवन कौशल में अंतर को समाप्त करना है।
- भारत सरकार द्वारा एक केंद्र प्रायोजित योजना है, यह कार्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है इसका लक्ष्य 2022-2027 तक 5 करोड़ शिक्षार्थियों को कवर करना है।
- उल्लास कार्यक्रम के तहत, शिक्षार्थियों को DIKSHA प्लेटफॉर्म और ULLAS मोबाइल/ वेब पोर्टल के माध्यम से 22 भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री तक पहुंच प्रदान की जाती है।
- लक्ष्य समूह: 15+वर्ष के वयस्क जो औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए।
उद्देश्य:
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास के लिए आवश्यक आधारभूत जानकारी और कौशल प्रदान करना है।
- इसका उद्देश्य न केवल आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता सिखाना, बल्कि 21वीं सदी के नागरिक के लिए अन्य आवश्यक कौशल भी सिखाना, जैसे कि महत्वपूर्ण जीवन कौशल, वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता, व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, सतत शिक्षा (कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल और मनोरंजन) आदि के बारे साक्षर करना, ताकि वे व्यक्तिगत और राष्ट्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण कौशल हासिल करने में सक्षम हो सकें।
- सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए जीवन कौशल प्रदान करना।
- सामाजिक एकीकरण और राष्ट्र निर्माण में योगदान को बढ़ावा देना।
मुख्य विशेषताएँ:
- स्वयंसेवी आधारित कार्यक्रम (‘कर्तव्य बोध’-कर्तव्य की भावना को बढ़ावा देता है)
- भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए शिक्षार्थियों और स्वयंसेवकों दोनों को प्रमाण पत्र प्रदान करना।
- उल्लास कार्यक्रम के तहत नागरिकों को सम्मानजनक और सशक्त जीवन जीने के साथ ही सामाजिक जिम्मेदारी और कर्तव्य की भावना विकसित करना है।
- स्कूल इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में एक मील का पत्थर साबित हुए है।
उल्लास कार्यक्रम भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास करती है, विशेष रूप से उन वयस्कों के लिए जो औपचारिक शिक्षा से वंचित रह गए है। किसी भी राज्य को पूर्ण साक्षर तभी माना जाता है जब उसकी साक्षरता दर उल्लास योजना के तहत निर्धारित मानक के अनुसार 95 % से अधिक हो, इन दोनों ही मानकों में मिजोरम और गोवा ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।