भारत से खत्म होने की कगार पर ‘कालाजार’ बीमारी: जानिए लक्षण, इलाज, रोकथाम और सरकारी कदम

0
कालाजार उन्मूलन; 6 अफ्रीकी देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, सीमा पार कार्यक्रमों को तेज करने का प्रयास

कालाजार उन्मूलन; 6 अफ्रीकी देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए, सीमा पार कार्यक्रमों को तेज करने का प्रयास

कालाजार (आंतरविषय लीशमैनियासिस):

कालाजार को विसरल लीशमैनियासिस भी कहा जाता है। कालाजार शब्द को भारत में 19वीं सदी के अंत में गढ़ा गया था, किसका तात्पर्य है त्वचा के रंग में बदलाव के कारण होने वाला ‘काला रोग’ ।

  • इस संक्रमण के दौरान त्वचा का रंग भूरा या काला और मलिन हो जाता है।
  • यह रोग लीशमैनिया परजीवी के कारण होता है, जो मादा फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाई के काटने से फैलता है।
  • यह प्रोटोजोआ परजीवी लिश्मैनिया के कारण होने वाली घातक परजीवी बीमारी है और मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया तथा लैटिन अमेरिका में रहने वाले लोगों को प्रभावित करती है।
  • यह रोग शरीर की रेटिकुलोएंडोथेलियल प्रणाली को प्रभावित करता है, विशेष रूप से अस्थि मज्जा,प्लीहा (तिल्ली) और यकृत को।
  • यदि समय पर उपचार नहीं किया गया तो यह रोग मृत्यु का कारण बन सकता है।
  • यह डब्ल्यूएचओ द्वारा चिन्हित 20 उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (NTDs) में से एक है,जिसका अर्थ है कि यह उन देशों में पाया जाता है जहां स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली कमजोर है।

लीशमैनियासिस के तीन प्रकार है –

  • विसेरल (आंत) लीशमैनियासिस:- कई अंगों को प्रभावित करता है एवं यह सबसे गंभीर बीमारी है।
  • त्वचीय लीशमैनियासिस:- त्वचा पर घावों का कारण बनता है एवं यह सबसे आम रूप है।
  • म्यूकोक्यूटेनियस लीशमैनियासिस:- जो त्वचा एवं म्यूकोसल घावों का कारण बनता है।

लक्षण:

लंबे समय तक बुखार,वजन घटना, थकान, प्लीहा और यकृत का बढ़ना, एनीमिया की समस्या, पेट में दर्द, दस्त एवं अस्वस्थता आदि।

निवारण एवं उपचार:

  1. कालाजार की रोकथाम में सैंडफ्लाई के प्रजनन स्थलों को कम करने और लोगों को सैंडफ्लाई के कटाने से बचाने के उपाय शामिल है।
  2. कीटनाशक, मच्छरदानी और विकर्षक के उपयोग के साथ साथ आवास की साफ-सफाई, स्वच्छ पानी एवं स्वच्छता के माध्यम से इस रोग का निवारण किया जा सकता है।
  3. कालाजार का उपचार संभव है, और इसे जल्दी से ठीक किया जा सकता है।
  4. कालाजार के उपचार में सोडियम स्टीबोग्लूकोनेट और मेग्लुमाइन एंटीमोनिएट जैसी दवाओं का उपचार शामिल है।
  5. WHO कालाजार के उपचार के लिए दो या दो से अधिक दवाओं के संयोजन की सिफारिश करता है, जिनमें पेंटावेलेंट एंटीमोनियल्स जैसे – एम्फोटेरिसिन बी, मिल्टेफोसिन तथा पैरोमोमाइसिन आदि शामिल है।
  6. डब्ल्यूएचओ उन क्षेत्रों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) की भी सिफारिश करता है जहाँ रोग स्थानिक है।
  7. हालांकि, वर्तमान में कालाजार के लिए कोई प्रभावी टीका मौजूद नहीं है।

चुनौतियां:

  • गरीबी और स्वच्छता की खराब स्थिति
  • लोगों को लक्षणों, रोकथाम के तरीकों एवं त्वरित उपचार लेने के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी।
  • अपर्याप्त स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना
  • वेक्टर नियंत्रण में स्थिरता और निवेश की कमी।
  • स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों (स्वास्थ्य,स्वच्छता, शिक्षा के बीच समन्वय की कमी।
  • कालाजार नियंत्रण की रणनीतियाँ एवं सुझाव:
  • जोखिम वाले क्षेत्रों में प्रभावी निगरानी प्रणाली की व्यवस्था करना।
  • मृत्यु दर को कम करने के लिए समय पर और सटीक निदान तथा पूर्ण उपचार प्रदान करने के महत्वपूर्ण प्रयास करना।
  • लक्षणों के पूर्णतया विकसित होने से पहले ही मामलों की पहचान करना।
  • दूरदराज के क्षेत्रों में भी निदान एवं उपचार पहुंच सुनिश्चित करना।

सरकारी हस्तक्षेप (भारत):

केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 तक भारत से कालाजार को खत्म करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठाए है, जिसमें पीएम आवास योजना के माध्यम से पक्के घर बनाना, ग्रामीण विघुतीकारण, परीक्षण, उपचार, समय-समय पर उच्च- स्तरीय समीक्षा और पुरस्कार वितरण शामिल है।

भारत सरकार ने कालाजार नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष 1990-91 में शुरू किया (केंद्रीय रूप से प्रायोजित)

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (2002): वर्ष 2002 की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (National Health policy) का लक्ष्य,वर्ष 2010 तक कालाजार उन्मूलन का था, बाद में इसे वर्ष 2015, 2017 और 2020 तक संशोधित किया गया।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का वैश्विक उन्मूलन लक्ष्य: उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग रोडमैप के तहत, वर्ष 2030 तक कालाजार को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

वर्तमान में कार्यक्रम संबंधी सभी गतिविधियों को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, जो एक अम्ब्रेला कार्यक्रम है और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *