ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य सफलता से हिली वैश्विक राजनीति, अमेरिका-चीन चिंतित

ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना की निर्णायक कार्रवाई ने पाकिस्तान और उसके समर्थकों को दिया करारा जवाब
नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाया गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की भू-राजनीतिक शक्ति और दृढ़ संकल्प का वैश्विक प्रदर्शन बन गया। इस चार दिवसीय ऑपरेशन में पाकिस्तान की सैन्य और आतंकी मशीनरी को जिस सटीकता और शक्ति के साथ जवाब दिया गया, उसने न केवल पाकिस्तान को झकझोरा बल्कि अमेरिका और चीन जैसे वैश्विक ताकतवर देशों को भी असहज कर दिया है।
पाकिस्तान की रणनीति पर करारा प्रहार
भारत ने आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर स्पष्ट कर दिया कि अब सीमाओं के भीतर छिपे आतंकी सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान की सेना द्वारा जवाबी कार्रवाई करना खुद को गहरी खाई में धकेलने जैसा साबित हुआ। तीन दिनों में भारतीय सेना ने आतंकवाद के संरक्षकों को यह एहसास दिला दिया कि सिंदूर मिटाने की कोशिश करने वालों को भारत कैसे जवाब देता है।
अमेरिका-चीन की रणनीति फेल
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी नजरें गड़ाए बैठा था। फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट ‘Operation Sindoor: Trump’s America is the Biggest Loser’ में पांच प्रमुख बिंदुओं को लेकर बताया गया है कि कैसे अमेरिका और चीन, भारत के इस नए रुख को समझने में विफल रहे।
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अमेरिका पर भरोसा टूटा: डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीजफायर का दावा करना भारत को नागवार गुजरा। इससे स्पष्ट हुआ कि अमेरिका अब भी भारत और पाकिस्तान को एक तराजू में तौलता है।
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एशिया में सहयोगी गंवाया: भारत को समय पर समर्थन न देकर अमेरिका ने एशिया में अपना सबसे भरोसेमंद रणनीतिक मित्र खो दिया।
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सुपरपावर की छवि पर आंच: भारत की सर्जिकल क्षमताएं और आत्मनिर्भर सैन्य नीति ने अमेरिका की वैश्विक नेतृत्व छवि को चुनौती दी।
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दुविधा में अमेरिका: भारत की सैन्य ताकत देखकर वाशिंगटन अब असमंजस में है—क्या भारत को सहयोगी बनाए रखे या सीमित करे?
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पाक-चीन-अमेरिका त्रिकोण टूटा: चीन के हथियारों की गुणवत्ता पर उठे सवालों ने पाकिस्तान को भी संशय में डाल दिया है, जिससे यह त्रिकोणीय गठबंधन कमजोर हुआ है।
भारत का उदय—नई वैश्विक शक्ति
भारत ने स्पष्ट कर दिया कि वह अब केवल एक क्षेत्रीय शक्ति नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर निर्णायक भूमिका निभाने की क्षमता रखता है। सैन्य, आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चों पर भारत की सक्रियता और आत्मनिर्भरता ने दुनिया को संकेत दिया है कि अब दक्षिण एशिया में खेल के नियम बदल चुके हैं।