Pahalgam Attack के बाद India-Pak Trade Ban से बढ़ा तनाव, पाकिस्तान को होगा बड़ा आर्थिक नुकसान

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भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा, पहलगाम आतंकी हमले के बाद कार्रवाई

भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा, पहलगाम आतंकी हमले के बाद कार्रवाई

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक व व्यापारिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। भारत ने पाकिस्तान पर करारा प्रहार करते हुए कई निर्णायक कदम उठाए हैं, जिनमें पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय जहाजों के लिए अपने बंदरगाह बंद करने की घोषणा कर दी है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह निर्णय उसी के लिए आर्थिक तबाही का कारण बन सकता है।

भारत का कड़ा जवाब

भारत सरकार के शिपिंग महानिदेशालय ने मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 1958 की धारा 411 के तहत पाकिस्तान के ध्वज वाले जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके बाद समुद्री व्यापार के साथ-साथ पार्सल और माल ढुलाई का हर रास्ता बंद हो गया है। इस कदम से जहां भारत को प्रतीकात्मक लाभ मिलेगा, वहीं पाकिस्तान की पहले से डगमगाती अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगने वाला है।

पाकिस्तान के फैसले से खुद को ही नुकसान

2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से आयात पर 200% शुल्क लगा दिया था, जिससे भारत की निर्भरता लगभग समाप्त हो गई थी। लेकिन पाकिस्तान अब भी कुछ वस्तुएं जैसे सीमेंट, कपड़ा, फल, कृषि उत्पाद और जिप्सम भारत में तीसरे देशों के माध्यम से भेजता रहा है। अब जब पाकिस्तान ने भी अपने बंदरगाह बंद करने का फैसला किया है, तो उसकी लॉजिस्टिक्स और शिपिंग इंडस्ट्री पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।

तीसरे देश के जरिए होता है अरबों का व्यापार

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत से हर साल करीब 10 अरब डॉलर का सामान तीसरे देशों के माध्यम से पाकिस्तान पहुंचता है। दुबई, सिंगापुर और कोलंबो जैसे पोर्ट्स से यह सामान लेबल बदलकर पाकिस्तान में पहुंचाया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत में निर्मित उत्पादों पर “Made in UAE” का टैग लगाकर उन्हें पाकिस्तान भेजा जाता है।

अब भारत इस अप्रत्यक्ष व्यापार पर भी लगाम कसने की योजना बना रहा है। इससे पाकिस्तान के लिए दवाइयां, ऑटो पार्ट्स, रंग, खाद्य उत्पाद जैसी जरूरी चीजें हासिल करना और मुश्किल हो जाएगा।

भारत से निर्भरता और घाटा

पाकिस्तान ने पहले भारत से दवा, बल्क ड्रग्स, चीनी, रसायन, स्टील, नमक, चाय, प्याज और ऑटो कंपोनेंट्स जैसी वस्तुएं आयात की थीं। FY2025 में भारत से पाकिस्तान को निर्यात 56.91% घटकर सिर्फ 491 मिलियन डॉलर रह गया है, जबकि आयात शून्य है। वहीं, भारत के लिए पाकिस्तान अब व्यापारिक दृष्टि से लगभग अप्रासंगिक हो गया है।

भारत-पाक व्यापार प्रतिबंध का सबसे बड़ा असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है। भारत जहां अपनी आपूर्ति श्रृंखला को अन्य विकल्पों से जोड़ चुका है, वहीं पाकिस्तान को न केवल आवश्यक वस्तुओं की किल्लत झेलनी पड़ेगी, बल्कि उसका निर्यात भी प्रभावित होगा। आने वाले दिनों में यदि अप्रत्यक्ष व्यापार पर भी लगाम लगती है, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी गहरे संकट में घिर सकती है।

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