रॉबर्ट वाड्रा से ED की पूछताछ में प्रियंका गांधी का साथ, क्या है इसका मतलब?

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रॉबर्ट वाड्रा से ED की पूछताछ में प्रियंका गांधी का साथ

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ का यह तीसरा दिन है। बीते दो दिनों में ईडी वाड्रा से करीब 12 घंटे सवाल-जवाब कर चुकी है और गुरुवार को भी यह सिलसिला लंबा चलने की संभावना है।

प्रियंका गांधी का साथ

रॉबर्ट वाड्रा जब ईडी दफ्तर पहुंचे तो उनके साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद थीं। इससे पहले बुधवार को भी प्रियंका गांधी उन्हें खुद दफ्तर छोड़ने आई थीं और दो घंटे विज़िटर रूम में बैठी रहीं। यह कदम एक स्पष्ट संदेश देता है कि गांधी परिवार एकजुट है और कठिन समय में साथ खड़ा है।

वाड्रा का बयान

ईडी कार्यालय से लंच ब्रेक के दौरान बाहर निकलते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने मीडिया से कहा, “मैं 2019 में भी इन सवालों के जवाब दे चुका हूं और मुझे दो बार क्लीन चिट मिल चुकी है। फिर बार-बार वही सवाल क्यों? ये तो एजेंसियों का दुरुपयोग है।” वाड्रा ने यह भी कहा कि अगर कल सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, तो उन्हें अपना जन्मदिन ईडी दफ्तर में मनाना पड़ता।

वाड्रा की फेसबुक पोस्ट

ईडी की पूछताछ से पहले वाड्रा ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मेरे जन्मदिन के सप्ताह की सेवा कुछ दिनों के लिए रोकी गई है। बुजुर्गों को भोजन कराना और बच्चों को उपहार देना मेरी प्राथमिकता है। मैं अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता रहूंगा और सत्य की जीत होगी।”

किस मामले में हो रही है पूछताछ?

यह मामला 2008 से जुड़ा है, जब वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी। आरोप है कि लैंड यूज बदला गया और वही ज़मीन डीएलएफ को 58 करोड़ में बेच दी गई। शिकायतकर्ता सुरेंद्र शर्मा ने इस पर 2018 में मामला दर्ज कराया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी इसमें आरोपी बनाया गया है।

दर्ज धाराएं

इस मामले में IPC की धारा 420, 120B, 467, 468, 471 और बाद में जोड़ी गई धारा 423 के तहत केस दर्ज हुआ है। ईडी वाड्रा से इस लेनदेन में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर पूछताछ कर रही है।

रॉबर्ट वाड्रा पर ईडी की कार्रवाई एक बार फिर राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। जहां कांग्रेस इसे एजेंसियों का दुरुपयोग बता रही है, वहीं वाड्रा ने स्पष्ट कहा है कि वे सच का साथ देते हैं और उन्हें किसी भी जांच से डर नहीं है। प्रियंका गांधी की मौजूदगी एक बड़ा राजनीतिक संकेत है कि गांधी परिवार इस लड़ाई में एकजुट है।

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