Karwa Chauth के 5 पारंपरिक रीति-रिवाज़ 

10th  september 2025

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सुबह सूर्योदय से पहले सास अपनी बहू को सरगी देती हैं। इसमें मिठाई, फल और खास व्यंजन होते हैं जिन्हें खाकर बहू व्रत शुरू करती है। 

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सरगी की परंपरा 

महिलाएँ पूरे दिन बिना जल और भोजन ग्रहण किए व्रत रखती हैं। यह पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। 

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निर्जला व्रत 

शाम को महिलाएँ एकत्र होकर करवा (मिट्टी या पीतल का पात्र) की पूजा करती हैं और कथा सुनती हैं। इससे सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

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करवा पूजन 

रात को महिलाएँ छलनी से चाँद को देखती हैं और फिर पति को निहारती हैं। इसके बाद पति के हाथों से जल पीकर व्रत खोलती हैं। 

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चाँद का दर्शन 

पति अपनी पत्नी को पानी और मिठाई खिलाकर व्रत खोलवाते हैं। यह पल प्रेम और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। 

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पति के हाथों व्रत खोलना 

करवा चौथ सिर्फ उपवास नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम, आस्था और विश्वास का पवित्र बंधन है।” 

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