Asha Bhosle Birthday 2025: आशा भोसले के जन्मदिन पर जानिए उनके जीवन का संघर्ष, करियर और अनसुने किस्से

Asha Bhosle Birthday 2025: आज 8 सितंबर को भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर की छोटी बहन और बॉलीवुड की सबसे बहुमुखी गायिका आशा भोसले अपना 92वां जन्मदिन मना रही हैं। आशा भोसले का नाम केवल एक गायिका के रूप में ही नहीं, बल्कि भारतीय संगीत जगत की आत्मा के रूप में लिया जाता है। उनका जीवन उतार-चढ़ावों से भरा रहा—कभी संघर्ष, कभी विवाद, तो कभी अद्भुत सफलता। फिर भी, वे हर बार और मज़बूती से लौटीं और अपनी आवाज़ से करोड़ों दिलों को जीत लिया।
बचपन और शुरुआती जीवन
आशा भोसले का जन्म 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में एक संगीत परिवार में हुआ। उनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक प्रसिद्ध गायक और रंगमंच कलाकार थे। बचपन में ही परिवार पर कठिनाई आ गई, जब उनके पिता का निधन हो गया। उस समय आशा की उम्र केवल 9 वर्ष थी। इस घटना के बाद पूरी ज़िम्मेदारी उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर पर आ गई।
लता और आशा दोनों को ही आर्थिक मजबूरियों के चलते फिल्मों में गाना शुरू करना पड़ा। 1943 में आशा ने मराठी फिल्म माझा बाल में पहला गीत गाया। मात्र 10 साल की उम्र में ही उन्होंने अपने हुनर का परिचय दे दिया था।
फिल्मों में सफर की शुरुआत
आशा भोसले का पहला हिंदी गीत फिल्म चुनरिया (1948) में था—“सावन आया”। हालांकि, लंबे समय तक उन्हें छोटे-मोटे गाने, भजन या कैबरे सॉन्ग्स ही गाने को मिले। उस दौर में बड़े बैनर और बड़े संगीतकारों के लिए लता मंगेशकर ही पहली पसंद थीं।
लेकिन आशा ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने अलग अंदाज, मधुर आवाज़ और ऊर्जावान गायकी से इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। सी. रामचंद्र और ओ.पी. नय्यर जैसे संगीतकारों ने उनकी आवाज़ को पहचान दी।
कम उम्र की शादी और निजी जीवन के संघर्ष
सिर्फ 16 साल की उम्र में आशा भोसले ने परिवार की इच्छाओं के खिलाफ जाकर गणपत राव भोसले से शादी कर ली, जो लता मंगेशकर के सेक्रेटरी थे और उनसे 20 साल बड़े थे। यह रिश्ता सफल नहीं रहा। पति और ससुराल वालों ने उनके गायन करियर को स्वीकार नहीं किया। शादी टूट गई और आशा को तीन बच्चों की ज़िम्मेदारी अकेले उठानी पड़ी।
करियर में सुनहरा मोड़ – तीसरी मंज़िल
1966 में फिल्म तीसरी मंज़िल के गीतों ने आशा भोसले को नई पहचान दी। इस फिल्म में संगीतकार आर.डी. बर्मन के साथ उनका काम बेहद सफल रहा। “ओ हसीना ज़ुल्फों वाली” और “आज की रात” जैसे गानों ने उन्हें लता मंगेशकर से अलग पहचान दिलाई। इसके बाद आर.डी. बर्मन और आशा की जोड़ी ने बॉलीवुड को कई सदाबहार गीत दिए।
आर.डी. बर्मन से विवाह
पहली शादी टूटने के बाद आशा भोसले की जिंदगी में फिर से प्यार आया। 1980 में उन्होंने संगीतकार आर.डी. बर्मन से विवाह किया। यह रिश्ता आशा के लिए जीवन का सुखद अध्याय था। हालांकि, आर.डी. बर्मन उनसे 6 साल छोटे थे, लेकिन दोनों का रिश्ता बेहद गहरा था। 1994 में आर.डी. बर्मन के निधन के बाद यह रिश्ता अधूरा रह गया।
लता मंगेशकर से रिश्ते
अक्सर कहा जाता रहा कि लता और आशा के बीच पेशेवर प्रतिस्पर्धा थी। कई बार दोनों के बीच मनमुटाव की खबरें सुर्खियों में आईं। लेकिन सच्चाई यह है कि आशा हमेशा लता को अपना आदर्श मानती थीं। उन्होंने कई बार कहा कि “लता दीदी की आवाज़ भगवान का वरदान है।”
करियर की ऊँचाइयाँ
आशा भोसले का करियर 7 दशकों से भी ज्यादा लंबा रहा।
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उन्होंने 20 भाषाओं में करीब 12,000 से ज्यादा गाने गाए।
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उन्हें गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे अधिक गाने गाने वाली गायिका का खिताब मिला।
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उन्होंने लगभग हर शैली में गाया—भजन, ग़ज़ल, रोमांटिक, कैबरे, पॉप, रॉक, क्लासिकल और लोकगीत।
उनके गाए कुछ मशहूर गीत:
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“पिया तू अब तो आजा” (कारवां)
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“दम मारो दम” (हरे रामा हरे कृष्णा)
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“ये मेरा दिल” (डॉन)
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“चुरा लिया है तुमने” (यादों की बारात)
पुरस्कार और सम्मान
आशा भोसले के करियर में अवॉर्ड्स की लंबी फेहरिस्त है।
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7 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स (बेस्ट प्लेबैक सिंगर)
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1 फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
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दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड (2000)
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पद्म विभूषण (2008)
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कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
गायिकी से परे
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आशा भोसले ने 2013 में मराठी फिल्म माई में अभिनय भी किया।
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वे एक बेहतरीन कुक भी हैं। उनके नाम से दुबई और कुवैत में रेस्टोरेंट्स चलते हैं।
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उनकी कुकिंग का जिक्र अक्सर इंटरव्यूज़ में होता है।
निजी ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव
आशा भोसले का निजी जीवन आसान नहीं रहा। उनकी पहली शादी असफल रही। उनके बेटे हेमंत भोसले का कैंसर से निधन हुआ और बेटी वर्षा भोसले ने आत्महत्या कर ली। इतने दुखों के बावजूद उन्होंने अपने आपको टूटने नहीं दिया और संगीत को ही अपनी ताकत बनाया।
आशा भोसले की विरासत
आशा भोसले सिर्फ एक गायिका नहीं, बल्कि एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने भारतीय संगीत को नए आयाम दिए। उन्होंने दिखाया कि जीवन में कितनी भी मुश्किलें आएं, कला और लगन से इंसान नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
आज जब आशा भोसले 92 साल की हो चुकी हैं, तब भी उनकी आवाज़ में वही जादू है। उनका जीवन संघर्ष, साहस और सफलता की अमर गाथा है। वे सिर्फ गानों की दुनिया की रानी नहीं हैं, बल्कि लाखों-करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
जन्मदिन मुबारक हो, आशा जी! आप सचमुच भारत की “मेलोडी क्वीन” हैं।