AI ने खोजे नए एंटीबायोटिक्स: गोनोरिया और एमआरएसए सुपरबग से लड़ाई में बड़ी उम्मीद

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AI ने खोजे नए एंटीबायोटिक्स

AI ने खोजे नए एंटीबायोटिक्स: एमआईटी (MIT) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में जनरेटिव (AI) एआई का उपयोग करके दो नए संभावित एंटीबायोटिक्स विकसित किए हैं, जो गोनोरिया और एमआरएसए जैसे खतरनाक सुपरबग्स से लड़ सकते हैं। यह खोज न केवल चिकित्सा जगत में क्रांति ला सकती है, बल्कि एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस जैसी गंभीर समस्या का समाधान भी प्रस्तुत कर सकती है।

एंटीबायोटिक्स के बारे में:

  • एंटीबायोटिक्स एक प्रकार की रोगाणुरोधी दवा है, जिसका उपयोग बैक्टीरिया के विकास को रोककर जीवाणु संक्रमण के उपचार और रोकथाम के लिए किया जाता है ।
  • ये रोगाणुरोधी एजेंट जो बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकते है और कभी-कभी संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट भी कर देते है ।
  • ये वायरस से होने वाली बीमारियों, जैसे सर्दी या फ्लू के लिए प्रभावी नही होते है ।
  • एंटीबायोटिक दवाओं का प्रतिरोध विभिन्न आणविक तंत्रों के माध्यम से होता है, जिसमें दवा की पारगम्यता में कमी, सक्रिय प्रवाह, दवा के लक्ष्य में परिवर्तन, एंटीबायोटिक-संशोधित एन्जाइमों का उत्पादन और बायोफिल्म जैसे शारीरिक अवस्थाएं शामिल है जो एंटीबायोटिक गतिविधि के लिए कम संवेदनशील है ।
  • यह आवश्यक जीवाणु प्रक्रियाओं (जैसे, कोशिका भित्ति संश्लेषण, प्रोटीन उत्पादन) को बाधित करके और कभी-कभी उनके डीएनए की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करके बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों का इलाज करते है ।
  • पहला आधुनिक एंटीबायोटिक: अलेक्जेंडर फ्लेमिंग द्वारा प्राकृतिक पेनिसिलिन (1928) की खोज के साथ हुआ ।

सुपरबग्स:

  • एंटीबायोटिक एडजुवेंट्स गैर-एंटीबायोटिक यौगिक है जो प्रतिरोध को अवरुद्ध करके या संक्रमण से प्रभावित मेजबान की प्रतिक्रिया को बढ़ाकर एंटीबायोटिक प्रभाव को बढ़ाते है ।
  • बहुऔषधि प्रतिरोधी बैक्टीरिया जो मौजूदा एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधी होते है।
  • एंटीबायोटिक का अत्यधिक उपभोग व उपयोग प्रतिरोध को बढ़ा रहा है, जिससे सुपरबग बनते है ।
  • सीमित उपचार विकल्पों के कारण ये गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे बन गए है।
  • उदाहरण: एमआरएसए, दवा प्रतिरोधी टीबी, गोनोरिया।

दवा खोज में एआई

  1. जनरेटिव एआई मॉडल नवीन आणविक संरचनाओं की शीघ्रता से पहचान करते है।
  2. एंटीबायोटिक रिसर्च में तेजी लाते है, साथ ही लागत और समय को कम करते है।
  3. पहले से अनुपचारित संक्रमणों को लक्षित कर सकते है।

महत्व

  • एंटीबायोटिक्स के उपयोग को इसलिए भी प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि ये इंसानों और जानवरों के लिए काफी हद तक हानिकारकरहित होते है ।
  • वैश्विक रोगाणुओं प्रतिरोधी (एएमआर) संकट का समाधान।
  • दवा विकास और जन स्वास्थ्य में क्रांति लाने की क्षमता।
  • एंटीबायोटिक का उपयोग सर्जरी के दौरान संक्रमण को रोकने से लेकर कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रहे कैसर रोगियों की सुरक्षा तक के लिए किया जाता है ।
  • एआई-संचालित खोज चिकित्सा में सटीकता, गति और नवाचार को बढ़ावा।

भारत एंटीबायोटिक दवाओं का विश्व का सबसे बड़ा उपभोक्ता है । भारत द्वारा अत्यधिक एंटीबायोटिक उपयोग के कारण दवाओं की प्रभावकारिता को अधिक सक्रिय बनाने के लिए एक नई विधि विकसित की है।  एंटीबायोटिक प्रतिरोध जीवन के किसी भी चरण में लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है । जब कोई व्यकित एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया से संक्रमित होता है, तो न केवल उस रोगी का इलाज मुश्किल हो जाता है बल्कि एंटीबायोटिक प्रतिरोधी बैक्टीरिया अन्य लोगों में भी प्रसारित हो सकता है ।

एक और नया कदम

Q.1 एंटीबायोटिक का तात्पर्य क्या है?

  1. एक रासायनिक यौगिक
  2. जीवाणु संक्रमण का उपचार
  3. कोशिका भित्ति संक्रमण
  4. कोई भी नहीं

Q.2 एंटीबायोटिक्स की खोज निम्नलिखित में से किसके द्वारा की गयी थी?

  1. पॉल एर्लिज
  2. साल्वारसन
  3. अलेक्जेंडर फ्लेमिंग
  4. ए.जी. पॉल

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