नई दिल्ली: मुंबई में 26/11 के हमलें से जुड़ी एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, 26/11 हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को भारत की जांच टीम ने अपनी कस्टडी में ले लिया है। उसे हिरासत में लेने के बाद भारतीय टीम अमेरिका से रवाना हो गई है। जानकारी के अनुसार टीम कल (गुरुवार) दोपहर तक आरोपी तहव्वुर राणा को विशेष विमान के जरिए भारत लाया जा सकता है।
खबर है कि अमेरिका ने उसकी प्रत्यर्पण में आ रही सभी अड़चनों को दूर कर दिया है। जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा को लॉस एंजेलिस स्थित मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। अमेरिका में विभिन्न कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए एक बहु-एजेंसी टीम वहां पहुंच चुकी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और RAW की टीम उसे लेकर भारत आ रही है। सूत्रों के मुताबिक 64 वर्षीय राणा कल दोपहर दिल्ली पहुंच जाएगा, जहां उसके उतरते ही एनआईए उसे अरेस्ट कर लेगी। जाएगा। यदि उसे मुंबई लाया जाता है, या बाद में स्थानांतरित किया जाता है, तो उसे आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा।
मुंबई पुलिस को हैंड ओवर राणा
जानकारों के मुताबिक अरेस्टिंग के बाद तहव्वुर को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया जाएगा. इसके बाद उसे दिल्ली में रखकर पूछताछ की जाएगी. उसे मुंबई पुलिस को कब सौंपा जाएगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है. लेकिन माना जा रहा है कि दिल्ली लाने के कुछ समय बाद उसे मुंबई पुलिस को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. मुंबई में राणा के खिलाफ आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं.
कनाडाई नागरिक है तहव्वुर राणा
पिछले 17 साल से भारतीय एजेंसियों की पकड़ में आने से बचने की कोशिश कर रहा तहव्वुर राणा कनाडाई नागरिक है। पाकिस्तान मूल का राणा इन दिनों अमेरिका के शिकागो में रह रहा था। उस पर मुंबई आतंकी हमले में अहम भूमिका निभाने का आरोप है, जिसमें 166 लोगों की जान गई थी।
हेडली से जुड़ा है राणा
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा है। हेडली 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। इस हमले में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था। अब राणा के आने से जांच एजेंसियों को इस हमले में पाकिस्तानी सरकारी तत्वों की भूमिका उजागर करने में मदद मिलेगी।
फरवरी में व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनकी सरकार ने एक “बेहद खतरनाक व्यक्ति” को भारत प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दी है ताकि वह न्याय का सामना कर सके। अब, कानूनी बाधाएं हटने के बाद राणा को भारत लाकर 26/11 हमलों में उसकी भूमिका के लिए कानूनी कार्रवाई का सामना कराना होगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने किया प्रत्यर्पण का ऐलान
भारत ने 7 मार्च को कहा था कि वह राणा के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने वाशिंगटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।